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जुर्म

सत्येंद्र जैन पर ED ने और कसा शिकंजा, 10 स्थानों पर की छापेमारी

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नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ईडी ने शुक्रवार को मामले को लेकर दिल्ली-एनसीआर के 10 स्थानों पर छापेमारी की।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि जिन जगहों की तलाशी ली जा रही है उनमें मामले से जुड़ा एक ट्रस्ट, दो निजी स्कूलों के मालिक और अन्य शामिल हैं। जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था।

ईडी ने बीते मंगलवार को एक विस्तृत बयान जारी किया था, जिसमें एजेंसी ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की गई।

जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद की या काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया में शामिल हुए। ईडी की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के 2017 के एक मामले पर आधारित है।

इसमें आरोप लगाया गया था कि आप नेता और उनकी पत्नी पूनम जैन ने फरवरी 2015 और मई 2017 के बीच 1.47 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 217.20 प्रतिशत अधिक थी।

इस साल अप्रैल में ईडी ने दिल्ली में 4.81 करोड़ रुपये की जमीन अटैच की थी जो मामले से जुड़ी कंपनियों- अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और जैन के रिश्तेदारों- स्वाति जैन, सुशीला जैन और इंदु जैन से संबंधित हैं।

ईडी ने अप्रैल में कहा जांच में पता चला है कि 2015-16 की अवधि के दौरान, जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे तब उपर्युक्त कंपनियां पर उनका स्वामित्व या उनके नियंत्रिण थीं।

इन्हें हवाला रूट के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों की फर्जी कंपनियों के जरिए 4.81 करोड़ रुपए नकद मिले थे। इस राशि का उपयोग भूमि की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कर्ज पर ली गई कृषि भूमि के ऋण को चुकाने के लिए किया गया।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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