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अन्तर्राष्ट्रीय

इक्वाडोर भूकंप में मृतकों की संख्या बढ़कर 480 हुई

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Ecuador quake death toll was 480

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Ecuador quake death toll was 480

क्वीटो| इक्वाडोर भूकंप में मृतकों की संख्या बढ़कर 480 हो गई है। स्थानीय समाचार पत्र ‘अल टेलेग्राफो’ ने आंतरिक मामलों के उपमंत्री डिएगो फुएन्टेस के हवाले से बताया कि भूकंप में लगभग 4,027 लोग घायल हो गए हैं और 231 लापता हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 20,503 लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं, जबकि 805 इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं और 608 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।

गौरलब है कि भूकंप का केंद्र मनाबी प्रांत रहा। यहां मृतकों की संख्या सर्वाधिक रही है। सर्वाधिक प्रभावित शहर पेडेरनल्स हैं, जहां अभी तक 131 लोगों की मौत हो चुकी है। पोटरेवेजो में 115 और मांता में 112 लोगों की मौत हो गई है। इक्वाडोर के दमकलकर्मी विभाग के प्रमुख के मुताबिक, मंगलवार सुबह को उस समय राहत मिली, जब मांता में मलबे के ढेर से तीन लोगों को जीवित बाहर निकाला गया।

कमांडर एबर एरोयो ने क्वीटो में कहा कि बचावकर्मी कई घंटों से मलबा हटाकर लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। अरोयो ने कहा, “हमने सुबह लगभग 4.30 बजे मलबे से तीन लोगों को सकुशल बाहर निकाला। हम और लोगों को भी ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं।” मलबे से बाहर निकाले गए लोगों में दो महिलाएं और एक पुरूष है, जिन्हें तत्काल ही इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। राष्ट्रपति राफेल कोरिया जल्द ही मांत का दौरा कर सकते हैं। इसके साथ ही वे चोन, सान विंसेंट और बाहिया डी काराक्वेज के गांवों का भी दौरा कर सकते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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