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पत्नी की रील पर आते थे गंदे कमेंट्स, नाराज पति ने की आत्महत्या, सोशल मीडिया पर बनाया वीडियो
अलवर। राजस्थान के अलवर से एक हैरान कलर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पत्नी के रील बनाने से नाराज एक शख्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शख्स ने कई बार पत्नी को रील बनाने से मना किया था लेकिन वो नहीं मानी तो इससे नाराज होकर उसने यह कदम उठाया। मरने से पहले युवक ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर अश्लील कमेंट करने वाले लोगों को जवाब दिया।
मृतक की पहचान सिद्धार्थ दौसा के रूप में हुई जो रैणी थाना इलाके के नांगलबास गांव का रहने वाला था और स्वास्थ्य विभाग में एलडीसी (अवर श्रेणी लिपिक) के पद पर कार्यरत था। डेढ़ साल पहले पिता की जगह अनुकंपा पर नौकरी लगी थी। सिद्धार्थ की माया नाम की लड़की से शादी हुई। 5 अप्रैल को सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थ की पत्नी माया को सोशल मीडिया पर रील बनाने का शौक था। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील बनाकर डालती थी तो लोग उसे पर अश्लील कमेंट करते थे। जो सिद्धार्थ को बिल्कुल भी पसंद नहीं थे। इसी को लेकर वह माया से रील न बनाने को कहता था लेकिन वह नहीं मानती सिद्धार्थ और माया की तीन बेटियां और एक बेटा है।
आत्महत्या करने से पहले सिद्धार्थ ऑनलाइन आया और कहा कि वह भी वीडियो देख रही है। सुन ले, तू तलाक ले ले, चारों बच्चे मेरे पास रहेंगे। रतिराम कौन है, मैं तेरा पति हूं, मैं कहूंगा वो होगा, आज जाकर लाइव आया हूं। अपने भाई को मरने छोड़ दूं। सोशल मीडिया के माध्यम से यह कह रहा हूं मैं मर जाऊंगा। मेरे भाई और उसकी लड़ाई हुई है। मेरी मौत की जिम्मेदार रतिराम और माया है। मेरा भाई सेफ है। मैंने अपने ससुराल वालों के कई बार पैर भी पड़े, इससे अधिक कुछ नहीं करना चाहता लेकिन अब मैं धज्जियां उड़ा दूंगा। इससे पहले मैंने कभी रील नहीं बनाई लेकिन अब मैं मजबूरी में लाइव आया हूं। सिद्धार्थ का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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