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डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर देश छोड़ा था विजय माल्या ने!

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डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विजय माल्या, भारतीय बैंकों के नौ हजार करोड़ रूपये के बकायेदार, किंगफिशर एयरलाइंस, आईडीबीआई बैंक के पूर्व सीएमडी योगेश अग्रवाल

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डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विजय माल्या, भारतीय बैंकों के नौ हजार करोड़ रूपये के बकायेदार, किंगफिशर एयरलाइंस, आईडीबीआई बैंक के पूर्व सीएमडी योगेश अग्रवाल

नई दिल्ली। भारतीय बैंकों के नौ हजार करोड़ रूपये के बकायेदार उद्योगपति विजय माल्या ने जिस पासपोर्ट पर भारत छोड़ा था वह उन्हें संसद सदस्य की हैसियत से जारी किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दो मार्च को जब माल्‍या ने लंदन के लिए उड़ान भरी थी तो इसी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का सहारा लिया था। इससे पहले खबर आई थी कि विजय माल्या को 900 करोड़ का बैंक ऋण किंगफिशर एयरलाइंस को बदहाली से उबारने के लिए आईडीबीआई बैंक के पूर्व सीएमडी योगेश अग्रवाल ने ही दिया था। ये जानकारी सीबीआई के सूत्रों के हवाले से मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ सीबीआई ने ये भी गलती मान ली है कि माल्या को गिरफ्तार करने के लिए प्रयासों में उसने ढिलाई बरती, पहली बार लुकआउट नोटिस गलती से जारी हो गया था। जबकि नोटिस में बदलाव कैसे और कब किया गया इसकी जांच अभी जारी है।

दरअसल माल्या की वित्तीय हालत खराब होने की मुख्य वजह किंगफिशर एयरलाइंस का डूब जाना है। इसी की हालत सुधारने की कोशिश में कई बार माल्या ने लोन के लिए कई बैंक में आवेदन किया। सीबीआई सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि योगेश अग्रवाल ने भी विजय माल्या को 900 करोड़ लोन को जारी किया था। बताया जा रहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस ने एक अक्टूबर 2009 को 950 करोड़ कॉरपोरेट लोन के लिए अप्लाई किया था। इसके फलस्वरूप उन्हें 900 करोड़ का लोन तीन स्टालमेंट में देने की मंजूरी पिछले साल नवंबर में मिली। लोन एप्लीकेशन उस दौरान किंगफिशर एयरलाइंस के तत्कालीन सीएफओ ए रघुनाथन द्वारा हस्ताक्षर कर जारी किये गए थे। इसमें उन्होंने योगेश को पत्र लिखकर लोन जारी करने का अनुरोध किया था, ये जानते हुए कि कंपनी की वित्तीय स्थिति लोन पाने लायक नहीं है। इस मामले में मीडिया ने जब योगेश अग्रवाल से बात करना चाहा तो उन्होंने इनकार कर दिया।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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