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डीजीपी ओपी सिंह ने पेश की नजीर, सिपाहियों के साथ टेंट में बैठकर खाया खाना

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सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर में रविवार को ऐसा नजारा देखने को मिला जो शायद ही पहले किसी ने देखा हो। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार द्वारा दिए गए भोज में सिपाहियों के साथ टेंट में बैठकर भोजन का आनंद लिया। शायद ही आपने डीजीपी स्तर के अधिकारी को इससे पहले सिपाहियों के साथ बैठकर खाना खाते देखा होगा। अभी हाल ही में ओपी सिंह ने लखनऊ के एक नामी स्कूल के छात्र को अपहरकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने वाली टीम में शामिल रहे सिपाहियों को अपने आवास पर बुलाकर उनकी पीठ थपथपाई थी। डीजीपी ओपी सिंह अपने लिए नई लकीर खींच रहे हैं जो जनता को रास भी आ रही है।

डीजीपी ओपी सिंह शनिवार की शाम पांच बजे देहरादून से सड़क मार्ग से अपने काफिले के साथ पुलिस लाइन पहुंचे थे जहां सबसे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। डीजीपी ने किड्स प्ले रूम, मेस, डीसीआरबी कार्यालय, अस्पताल, औषधि केंद्र, मेंस पार्लर सहित अन्य कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों के परिवार से उनकी समस्याएं पूछीं। डीजीपी ने पूछा कि क्या सफाई व्यवस्था अच्छी है। किसी तरह की परेशानी तो नहीं है। सरकारी आवास में मच्छर परेशान तो नहीं करते हैं। व्यवस्था दुरुस्त मिलने पर डीजीपी ने संतोष व्यक्त किया।

इसके बाद डीजीपी रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचे। यहां वह कैंटीन देखकर वह हैरान रह गए। उन्होंने एसएसपी बबलू कुमार से पूछा एसएसपी साहब! यहां खाना सस्ता है क्या? इसके बाद खुश होकर उन्होंने एसएसपी की पीठ थपथपाई। डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिस लाइन की बेहतर व्यवस्था देखकर एसएसपी बबलू कुमार की तारीफ की। डीजीपी ने कहा कि सहारनपुर पुलिस लाइन की व्यवस्थाएं अच्छी मिली हैं। जो थोड़ी बहुत कमियां उन्हें जल्द ठीक कर लिया जाए।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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