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दिल्ली: संविधान संकल्प मार्च में गूंजा नारा- ‘संविधान से चलेगा देश, जिहाद से नहीं’
नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल व महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की मुस्लिम युवकों द्वारा की गई निर्मम हत्या के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) समेत कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा आज राजधानी दिल्ली में मार्च निकाला गया। इस मार्च के लिए पिछले कुछ दिन सोशल मीडिया पर समर्थन जुटाया जा रहा था। यह मार्च मंडी हाउस से शुरू होकर जंतर-मंतर पर खत्म हुआ।
कानून बचाने के लिए हिंदू समाज आज बाहर आया है
विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित ‘संविधान संकल्प मार्च’ के लिए मंडी हाउस में विहिप के कार्यकर्ता एकत्रित हुए। इस अवसर पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि देश में कानून बिगाड़ने वाले के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि कानून बचाने के लिए हिंदू समाज आज बाहर आया है। कानून बचाने के लिए हम लोग सड़कों पर हैं। सर तन से जुदा बोल ही नहीं रहे बल्कि हत्या की जा रही है। यह अभी एक संदेश है उन लोगों के लिए जो जिहाद फैला रहे हैं।
विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मार्च का नेतृत्व किया। विहिप ने समस्त हिंदू समाज से इसमें शामिल होने का आह्वान किया था। मार्च में राजधानी के विभिन्न मंदिरों के पुजारी, संत, अधिवक्ता और सेवानिवृत्त न्यायधीश, प्रशासनिक अधिकारी ने भी हिस्सा लिया।
मंडी हाउस से जंतर मंतर तक जाने वाले ‘संविधान संकल्प मार्च’ के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा और ट्रैफिक बंदोबस्त किए गए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। दिल्ली पुलिस ने पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करवाई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नौ रास्तों पर डायवर्जन भी किया।
विवादित नारे लगे तो ऐक्शन लेंगे
दिल्ली पुलिस ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत है। अगर कुछ गड़बड़ होती है, विवादित नारे लगाए जाते हैं, या ऐसी कोई भाषणबाजी होती है, तो कानून के मुताबिक एक्शन लेंगे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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