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प्रादेशिक

दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को निलंबित किया

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दिल्ली सरकार, परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को निलंबित, 'लेटर्स ऑप इंट्रस्ट', दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

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नई दिल्ली| दिल्ली सरकार ने तिपहिया वाहनों के लिए नए ‘लेटर्स ऑप इंट्रस्ट’ (एलओआई) जारी करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, “परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को तिपहिया वाहनों के लिए नए ‘लेटर्स ऑफ इंट्रस्ट’ जारी करने में भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया।” उपमुख्यमंत्री ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मंत्री ने कहा कि लेटर्स ऑफ इंट्रस्ट क्रमवार न जारी कर मानमाने तरीके से जारी किए जा रहे थे, जबकि इन्हें आवेदनों की क्रम संख्या के अनुरूप जारी किए जाने के आदेश हैं। यह भी पाया गया कि इन्हें आवेदकों की बजाय डीलरों को जारी किया जा रहा था।” दिल्ली सरकार ने इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया है। सिसोदिया ने कहा कि यह सरकार किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकती।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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