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उत्तराखंड

चारधाम रास्ते में 167 भूस्खलन जोन पौड़ी जिले में

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चारधाम रास्ते, 167 भूस्खलन जोन, पौड़ी जिले के शिवालिक रेंज

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चारधाम रास्ते, 167 भूस्खलन जोन, पौड़ी जिले के शिवालिक रेंज

Danger Zone Badrinath-highway

देहरादून। चारधाम जाने के लिए पौड़ी जिले के रास्तों में 167 भूस्खलन जोन पाए गए हैं। पौड़ी के शिवालिक रेंज में सबसे अधिक संवेदनशील जोन सैंड स्टोन वाले इलाके में हैं। सैंड स्टोन वाली इस पट्टी का क्षेत्र हरिद्वार, डोईवाला (देहरादून), रामनगर, हल्द्वानी, खटीमा से नेपाल तक आता है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) पहली बार प्रदेश के जिलों का भूस्खलन के लिहाज से रोड मैप तैयार कर रहा है। इस कड़ी में सबसे पहले पौड़ी का अध्ययन करके रोड मैप तैयार कर लिया गया।

वर्ष 2001 में इसरो ने सेटेलाइट से पहली बार चारधाम यात्रा मार्ग पर भूस्खलन वाले स्थानों को चिन्हित किया था। प्रदेश स्तर पर पहली बार काम शुरू हुआ है। पौड़ी का रोड मैप तैयार करने के बाद यूसैक अब रुद्रप्रयाग का रोड मैप बनाने की तैयारी कर रहा है।

रोड मैप में अलग-अलग जिलों में भूस्खलन के प्रति संवेदनशील स्थानों और कारणों को खोजा जा रहा है। वैसे केंद्र ने सारे जिलों के संवेदनशील जोन का रिकार्ड तैयार कर लिया है। अब जोन वार भूस्खलन के कारण पता किए जाएंगे। इससे खतरे के स्थानों के ट्रीटमेंट में आसानी होगी।

पौड़ी के रोड मैप तैयार करने में पाया गया कि शिवालिक फाल्ट लाइन के नीचे सैंड स्टोन वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक आरक्षित वन हैं। समुद्र तल से 700 से 1100 मीटर ऊंचाई पर भूस्खलन के सबसे अधिक जोन पाए गए हैं। 10 से 40 डिग्री वाली गहरी ढलानों (स्लोप) के बीच सबसे अधिक भूस्खलन मिला है।

दक्षिणी दिशा की तरफ वाले स्लोप में इनकी संख्या अधिक रही। शोध कार्य के अगुवा यूसैक के वैज्ञानिक सलाहकार देवेंद्र शर्मा ने बताया कि रोड मैप तैयार करने में स्लोप, नदियों का ड्रेनेज आदि का अध्ययन किया जा रहा है।

यूसैक निदेशक, डा. दुर्गेश पंत ने बताया कि पौड़ी जनपद चारधाम यात्रा के मार्ग के कारण अधिक महत्वपूर्ण है। इसी से भूस्खलन जोन के रोड मैप बनाने का कार्य पौड़ी से शुरू किया गया है। इस अध्ययन से नई जानकारियां प्राप्त हो रही हैं।

 

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उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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