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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना की आवाज को वैज्ञानिकों ने किया रिकॉर्ड, सुनिए कैसे हमला करता है कातिल वायरस

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने इस समय पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है। इस वायरस से अबतक 74 हजार लोगों की जान जा चुकी है जबकि 13 लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

कोरोना वायरस जिसे हम कोविड 19 के नाम से भी जानते हैं उसकी हजारों तस्वीर ली जा चुकी है। कुछ दिनों पहले इस खतरनाक वायरस की 3डी फोटो भी जारी की जा चुकी है। लेकिन क्या आपने कोरोना वायरस की आवाज सुनी है? पहली बार वैज्ञानिकों ने कोरोना की आवाज को रिकॉर्ड किया है।

दरअसल, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के ढ़ाचें से निकलने वाली आवाज को रिकॉर्ड कर संगीत में बदल दिया है। यह कारनामा वैज्ञानिकों मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिक किया है।

यहां के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बाहरी हिस्से के कटीले प्रोटीन से संगीत तैयार किया है। MIT के वैज्ञानिक मार्कस जे ब्यूहलर ने बताया कि आपको जो संगीत सुनाई देगी उसमें आपको घंटियों, स्ट्रिंग्स और बांसुरी की आवाज सुनाई देगी। ये सभी कोरोना के कंटीले प्रोटीन के अलग-अलग रूपों को बयान करते हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना वायरस का बाहरी कंटीला प्रोटीन लेयर जो आपकी कोशिकाओं को छेदता है। वह अमीनो एसिड से बना होता है। लेकिन जब वास्तविकता में अमिनो एसिड का ढांचा देखते हैं वह एक हेलिक्स जैसा दिखता है।

जब इनमें कंपन होता है तो इनमें से भी आवाज निकलती है। इसलिए MIT के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बाहरी कंटीले प्रोटीन से मिले अमीनो एसिड्स के हेलिकल ढांचे को अलग-अलग नोट पर रखा। जिससे ये संगीत निकल कर सामने आया।

MIT के वैज्ञानिकों का कहना है कि संगीत के ऊपरी और निचले नोट से पता चलता है कि अमीनो एसिड का ढांचा कहां से मजबूत और कमजोर है। इससे यह जानकारी मिलती है कि उसी कौन से नोट से पर वायरस कोशिकाओं को पकड़ता है।

कोरोना वायरस की आवाज

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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