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अन्तर्राष्ट्रीय

खुशखबरीः भारत में इतने दिनों में खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस, रिसर्च का दावा!

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प्रतीकात्मक फोटो

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर भारत के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। एक शोध में दावा किया गया है कि हिंदुस्तान से कोरोना वायरस के 20 मई तक खत्म हो सकता है।

सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (SUTD) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक यह दावा किया गया है। SUTD ने अपने रिसर्च में यह भी कहा है कि अलग अलग-अलग देशों में भी यह वायरस जल्द ही खत्म होने वाला है।

SUTD ने ससेप्टिबल इन्फेक्टेड रिकवर्ड (एसआईआर) महामारी मॉडल यानी अलग-अलग देशों के संदिग्ध, संक्रमित और स्वस्थ होने वाले मरीजों के मॉडल का विश्लेषण करने के बाद यह भविष्यवाणी की है।

इस महामारी ने अलग-अलग देशों में जिन-जिन तारीखों पर मोड़ लिया, उसका भी अध्ययन किया गया। इससे पहले शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दावा किया था कि अगर 16 मई तक लॉकडाउन का पालन किया जाए, तो कोरोना वायरस का नया केस नहीं आएगा।

इसके साथ ही कोरोना वायरस पर भारत नियंत्रण पा लेगा। बता दें कि लंबे समय से भारत में चल रहे लॉकडाउन से बाहर आने के लिए सरकार धीरे-धीरे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

इसी के तहत केंद्र सरकार ने गांव गली और शहरों में पास पड़ोस की दुकानों को खोलने की इजाजत दी है। हालांकि आदेश जारी करने के बाद गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अभी कौन सी दुकाने नहीं खुल सकती हैं। साथ ही कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट इलाके में भी किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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