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देश में बढ़ी कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में 1900 से ज्यादा पाए गए पॉजिटिव

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नई दिल्ली। देश में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या तेजी से बढ़कर रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 35 हजार के पार चली गई है।

बीते 24 घंटों में 1993 नए मामले सामने आए हैं और 73 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 35,043 हो गई है, जिसमें 25,007 सक्रिय हैं, 8889 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 1147 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश देश का कोरोना मुक्त राज्य बना हुआ है। बिहार में कोरोना संक्रमण की ऱफ्तार तेजी से बढ़ती दिख रही है। बिहार में शुक्रवार सुबह तक 418 लोग कोरोना संक्रमित हैं, इसमें से 82 को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। यहां सिर्फ 2 लोगों की मौत हुई है।

दिल्ली में कोरोना पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक 3515 लोग इस वायरस से ग्रसित बताए गए हैं। 1094 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है।

अकेले दिल्ली में 59 लोग यह मौत हुई है । गुजरात में आंकड़ा 4395 पहुंच गई है, यहां 613 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। अकेले गुजरात मे 214 लोगों की मौत हुई है। हरियाणा में भी आंकड़ा 313 पहुंच गया है, 209 को डिस्चार्ज किया गया। यहां तीन लोगों की मौत हुई है।

हिमाचल प्रदेश में यह आंकड़ा 40 पर रुका हुआ है। यहां 28 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। यहां एक की मौत दर्ज की गई है। जम्मू-कश्मीर में आंकड़ा 614 पहुंच गया है। यहां 216 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। 8 की मौत हुई है ।

उधर केरल में पीड़ित लोगों की संख्या 497 पहुंच गई है। 383 को डिस्चार्ज किया गया। यहां 4 लोगों की मौत हुई है। लद्दाख में यह आंकड़ा 22 है , 16 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।

मध्य प्रदेश में कोरोना पीड़ित लोगों की संख्या 2660 हो गई है। 482 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। 137 की मौत हुई है। महाराष्ट्र में यह संख्या 10,000 को पार कर गई है। यहां स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक 10498 लोग इस वायरस से पीड़ित बताए गए हैं , जिनमें से 1773 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। अकेले यहां 459 लोगों की मौत हुई है।

राजस्थान में यह आंकड़ा 2584 हो गई है, जिनमें से 836 को डिस्चार्ज किया चुका है। 58 की मौत हुई है। तमिलनाडु में यह संख्या 2313 हो गई है। यहां 1258 लोगों को डिस्चार्ज किया चुका है। यहां 29 लोगों की मौत हुई है।

तेलंगाना में यह आंकड़ा एक हजार को पार कर गया है। यहां अब तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक 1038 लोग कोरोना पीड़ित बताए गए हैं। 397 को डिस्चार्ज किया जा चुका है। यहां 26 की मौत दर्ज की गयी है।

यूपी में 2303 मामले सामने आए हैं । 513 को डिस्चार्ज किया गया है। यहां अब तक 39 लोगो की मौत की सूचना है।

उधर, पश्चिम बंगाल में यह आंकड़ा शुक्रवार सुबह तक 795 हो गया है। 139 को डिस्चार्ज किया जा चूका है। यहां सिर्फ 33 लोगो की मौत की सूचना है।

 

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लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

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