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बिजनेस

इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो जाय तो IRDAI से करें संपर्क, जानें क्या है प्रक्रिया  

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Contact IRDAI

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नई दिल्ली। इंश्योरेंस पॉलिसी किसी भी व्यक्ति की ओर से अचानक आय खर्चों या फिर किसी अनहोनी के समय परिवार को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए खरीदी जाती है, लेकिन कई बार देखा जाता है कि किसी न किसी कारण से काफी सारे इंश्योरेंस क्लेम कंपनियों की ओर रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए इंश्योरेंस नियामक IRDAI की ओर से कई नियम बनाए गए हैं।

क्यों क्लेम रिजेक्ट करती है कंपनियां?

इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से क्लेम रिजेक्ट करने की कई वजह हो सकती हैं, जिसमें से इंश्योरेंस कराते समय अपने स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी न देना, आपके दस्तावेजों में जानकारियां भिन्न होना, पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन आदि शामिल हैं। ऐसे में इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय इन सभी बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

क्लेम रिजेक्ट हो जाए तो क्या करें?

अगर इंश्योरेंस की ओर से आपका क्लेम रिजेक्ट कर दिया गया है, तो आपको सबसे पहले इंश्योरेंस कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी के पास जाना होगा और क्लेम को लेकर शिकायत दर्ज करानी होगी।

IRDAI के पास करें शिकायत

अगर इंश्योरेंस कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी के पास शिकायत करने के 15 दिन बाद तक आपकी समस्या नहीं सुलझती है, तो फिर इंश्योरेंस नियामक आईआरडीएआई के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आप IRDAI के ईमेल Complaints@irdai.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप टोल फ्री नंबर 155255 या 18004254732 नंबर का भी सहारा ले सकते हैं।

Insurance Ombudsman का लें सहारा

इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलने की शिकायत आप अपने इलाके के बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) से कर सकते हैं। बीमा लोकपाल के बारे में जानकारी आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी के पास मिल जाएगी।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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