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उद्धव ठाकरे से पहले CM एकनाथ शिंदे पहुंचे SC, दाखिल किया कैविएट  

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CM Eknath Shinde reached SC before Uddhav Thackeray, filed caveat

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मुंबई। शिवसेना की कमान, उसका नाम और चुनाव चिह्न उद्धव ठाकरे से छीनने के बाद भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शांत बैठने वाले नहीं हैं। शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले को कायम रखने के लिए शिंदे हर वह चाल चल रहे हैं, जो उनके लिए जरूरी है। अब खबर है कि एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की है।

इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष गुहार लगा सकता है। ऐसे में इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले शीर्ष अदालत महाराष्ट्र सरकार की दलील को भी सुने।

उद्धव जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

दरसअल, शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दे दिए थे। माना जा रहा है कि सोमवार को ठाकरे गुट इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। ऐसे में ठाकरे गुट के किसी भी कदम से पहले ही शिंदे खेमा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

शाखाओं पर है शिंदे की नजर

शिवसेना की शाखाओं को पार्टी का आधार और रीढ़ माना जाता है। जब तक शाखाएं हैं, ठाकरे परिवार महाराष्ट्र की राजनीति में कभी भी वापसी कर सकती है। ऐसे में पर्यवेक्षकों का मानना है कि शिंदे गुट की नजर अब इसी पर है। वह धीरे-धीरे, चरणबद्ध तरीके से शाखाओं पर कब्जा कर सकती है।

बीते शुक्रवार को रत्नागिरी के दापोली में भी स्थानीय शाखा पर नियंत्रण को लेकर दोनों गुटों के बीच झड़प हुई थी। उधर, उद्धव गुट के नेताओं का कहना है कि शाखा नेटवर्क उनके साथ है और वह कहीं नहीं जाएगा।

किसका होगा शिवसेना भवन

शिवसेना का केंद्रीय कार्यालय दादर स्थित शिवसेना भवन किसका होगा यह बड़ा सवाल है। इस भवन का बाजार मूल्य करीब 300 करोड़ रुपये आंका जा रहा है। विधान भवन स्थित कार्यालय और प्रदेश कार्यालय शिवालय को लेकर भी इसी तरह के सवाल उठे हैं।

जानकारी के अनुसार शिवसेना भवन शिवाई ट्रस्ट का है, जिसके अध्यक्ष लीलाधर डाके हैं। इसलिए शिवसेना भवन पर उद्धव का कब्जा बरकरार रहने की संभावना है, लेकिन विधान भवन और शिवालय समेत बीएमसी कार्यालय पर शिंदे गुट दावा कर सकता है।

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नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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