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खरगोन में पीएम आवास योजना के तहत बने मकान पर ही चला दिया बुलडोजर

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मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हिंसा हुई थी और हिंसा के बाद मध्य प्रदेश सरकार आरोपियों पर बुल्डोजर कार्रवाई कर रही है। कई लोगों के मकान और दुकान तोड़े जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि यह मकान अतिक्रमण करके बने हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान पर भी कार्रवाई की गई और उसे ढहा दिया गया। खरगोन के खसखसवाड़ी इलाके में जिला प्रशासन द्वारा ये कार्रवाई की गई।

दस्तावेज के अनुसार बिड़ला मार्ग पर स्थित घर हसीना फाखरू के नाम पर उनके पति की मृत्यु के बाद पंजीकृत किया गया था, जो पीएम आवास योजना के मूल लाभार्थी थे। 60 वर्षीय हसीना फाखरू ने रोते हुए बताया कि, “सोमवार सुबह नगर पालिका कर्मियों की टीम बुल्डोजर लेकर पहुंची। उन्होंने मुझे धक्का दिया और बाहर की दीवार पर ये मिटा दिया जहां लिखा था आवास योजना के तहत घर बनाया गया था और घर को मिनटों में ध्वस्त कर दिया।’

2020 में आवास योजना को मिली थी मंजूरी

हसीना और उनके परिवार में कुल 7 लोग हैं, जिसमें पांच बेटे और दो बेटियां हैं। हसीना के 35 वर्षीय बेटे अमजद खान ने कहा कि, 2020 तक हम प्लॉट पर एक कच्चे घर में रहते थे। 2020 में जब आवास योजना के तहत मंजूरी मिली तो हमने पक्का घर बनाया। हमें सरकार से ढाई लाख रुपये मिले और मकान बनाने के लिए एक लाख रुपये और बचा कर रखे थे।

निशाना बनाकर हुई कार्रवाई- पीड़ित

जमीन की पुष्टि के लिए अमजद ने जो रिकॉर्ड पेश किए उनमें एक संपत्ति कर रसीद, तहसीलदार को एक आवेदन, एक पात्रता हलफनामा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक पत्र है जिसमें सीएम ने उन्हें पीएम आवास योजना का लाभार्थी होने पर बधाई दी है। परिवार के अनुसार हसीना को हिंसा से तीन दिन पहले 7 अप्रैल (गुरुवार) को नोटिस दिया गया था, जिसमें उनसे तीन दिनों के भीतर जमीन के स्वामित्व का विवरण देने या ध्वस्तीकरण का सामना करने के लिए कहा गया था। अमजद ने कहा कि ‘लेकिन इसके बाद हुई हिंसा के बाद हमें निशाना बनाकर यह कार्रवाई कर दी गई।’

यह अवैध संपत्तियों के खिलाफ अभियान के तहत इलाके में जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए गए 12 घरों में से एक था। रविवार को हुई झड़प के बाद शहर के चार स्थानों पर कुल 16 घर और 29 दुकानें ध्वस्त की गई। रेंज के आईजी राकेश गुप्ता ने बताया कि अब तक 95 लोगों की गिरफ़्तारी की जा चुकी है। बीती रात छिटपुट हिंसा के बीच नगर में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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