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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने कहा- हिंदुत्व की प्रेरणा से कर रहा हूं कर्तव्य का पालन

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British PM Rishi Sunak

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लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि सत्ता के शीर्ष पद पर पहुंचने के लिए उन्हें अपने धर्म से प्रेरणा मिली। हिंदुत्व में कर्तव्य को बहुत महत्व दिया गया है। इसे धर्म के नाम से भी जाना जाता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के तौर पर वह अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।

सरकार के 100 दिन पूरे होने पर टाक टीवी को दिए साक्षात्कार में सुनक ने कहा कि लिज ट्रस के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें बहुत मुश्किल जिम्मेदारी मिली है। इसमें सरकार को लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों वाली वस्तुओं के मूल्य कम करने हैं, जीवन को आसान बनाना है। इसके लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

जन सेवा में ही गहरी आस्था

ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि हिंदुत्व में कर्तव्य का तात्पर्य उन कार्यों से है, जिनकी लोग आपसे अपेक्षा करते हैं। उन अपेक्षाओं पर सही तरीके और लगन से कार्य करने की कोशिश ही कर्तव्य है। सुनक ने कहा, जन सेवा में उनकी गहरी आस्था है। इसीलिए कर्तव्य का पालन करते हुए वह अलग तरीकों को प्रयोग में लाते हुए ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति के सुधार में लगे हुए हैं।

भगवद् गीता का भी कर चुके उल्लेख

ब्रिटेन के 42 वर्षीय प्रधानमंत्री सुनक ने संसद सदस्य चुने जाने के बाद हाउस आफ कामंस में शपथ लेते हुए भगवद् गीता का उल्लेख किया था। वह हिंदुत्व की मान्यताओं को अपनी शक्ति बताते हैं। सुनक अक्सर मंदिर जाते हैं और वहां पर गाय को फल इत्यादि खिलाते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने सरकारी आवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट में दीवाली मनाई थी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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