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निर्भय यात्रा सद्भावना यात्रा पर भाजपा-सपा आमने-सामने

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निर्भय यात्रा सद्भावना यात्रा, भाजपा-सपा आमने-सामने, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव, कैराना से हिन्दुओं के कथित पलायन

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निर्भय यात्रा सद्भावना यात्रा, भाजपा-सपा आमने-सामने, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव, कैराना से हिन्दुओं के कथित पलायन

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लखनऊ/कैराना| उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कैराना से हिन्दुओं के कथित पलायन के मुद्दे को लेकर पश्चिमी उप्र एक बार फिर सियासी मैदान बन गया है। सरधना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक संगीत सोम ने जहां सरधना से कैराना तक ‘निर्भय यात्रा’ निकालने का ऐलान किया है, वहीं सपा के नेता अतुल प्रधान ने इसके विरोध में ‘सद्भावना यात्रा’ निकालने की बात कही है।

जिला प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था को देखते हुए निर्भय यात्रा सद्भावना यात्रा जैसी किसी भी पदयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भाजपा की ‘निर्भय यात्रा’ के जवाब में सरधना से सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान ने ‘सद्भावना यात्रा’ का ऐलान किया है। इन दो पदयात्राओं को लेकर जिले का सियासी पारा चढ़ गया है। जिला प्रशासन का दावा है कि इन दोनों यात्राओं को नहीं निकलने दिया जाएगा।

कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह भी संगीत सोम से अपील कर चुके हैं कि वह यात्रा न निकालें, लेकिन संगीत सोम यात्रा निकालने पर अड़े हुए हैं। सोम ने कहा, “‘निर्भय यात्रा’ समाज के लोगों को भयमुक्त करने और यह दर्शाने के लिए निकाली जा रही है कि भाजपा उनके साथ है। सांसद हुकुम सिंह मेरे आदरणीय हैं और उन्होंने कहा है कि मैं कैराना न पहुंचूं, पर मैं जाऊंगा और यह पदयात्रा निकाली जाएगी। जहां तक अनुमति की बात है तो मैं इस बारे में प्रशासन को लिखित जानकारी दे चुका हूं।”

इधर, सपा छात्रसभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सरधना विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान के नेतृत्व में सरधना से ही ‘सद्भावना यात्रा’ निकाली जाएगी। अतुल प्रधान ने कहा, “कैराना में कोई मुद्दा नहीं है। केवल चुनावी फायदे के लिए यह सब हुकुम सिंह ने किया है। देशभर से बड़े शहरों के लिए पलायन हो रहा है। कैराना में भी यही हुआ है। बेवजह लोगों में भय बताकर और आपसी भाईचारा को खराब करने के लिए यह माहौल बनाया जा रहा है।”

इस बीच मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी पंकज यादव ने कहा, “पदयात्रा के लिए भाजपा या सपा किसी के भी द्वारा कोई अनुमति नहीं मांगी गई है। जिले में धारा 144 लगी हुई है। सरधना के उपजिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है कि वे दोनों दलों के नेताओं को बता दें कि वे यह यात्रा न निकालें। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा, माहौल नहीं बिगड़ने देंगे।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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