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जुर्म

बिहार: PFI आतंकी मॉड्यूल को लेकर NIA की छापेमारी, घरों में सघन तलाशी

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NIA raid in Darbhanga Bihar

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पटना। बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) आतंकी मॉड्यूल मामले में एनआईए की टीम ने आज गुरुवार को बिहार के कई जिलों में एक साथ छापेमारी की। एनआईए की दो टीमें दरभंगा जिले के लहेरियासराय थाने के उर्दू मोहल्ला और सिंहवाड़ा थाने के शंकरपुर गांव में भी पहुंचीं।

एनआईए ने शंकरपुर में पीएफआई के सदस्य सनाउल्लाह उर्फ आकिब और मुस्तकीम के घरों पर छापेमारी की। वहीं, उर्दू मोहल्ले में नुरुद्दीन जंगी के घर में सघन तलाशी ली। शंकरपुर में एनआईए की सात सदस्यीय टीम सुबह छह बजे पहुंची। उर्दू मोहल्ले में सात सदस्यीय टीम ने सुबह सात से 09.30 बजे तक छापेमारी की। इस दौरान एनआईए के अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस के जवान भी थे।

शंकरपुर में पुलिस ने छापेमारी से पहले आकिब और मुस्तकीम के घरों को चारों तरफ से घेर लिया। गांव में आने-जाने वालों पर नजर रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा। सिंहवाड़ा थाना अध्यक्ष मनीष कुमार भी मौके पर मौजूद रहे। टीम ने सनाउल्लाह के घर और उसके पिता की दवा की दुकान सहित पंचायत भवन के सामने स्थित एक दरवाजे की तलाशी ली। पीएफआई के ये दोनों सदस्य घर पर मौजूद नहीं हैं। अधिकारियों ने उनके परिजनों से पूछताछ की।

उधर, लहेरियासराय थाने के उर्दू मोहल्ले में एनआईए की सात सदस्यीय टीम ने पीएफआई के सदस्य नुरुद्दीन जंगी के घर में तलाशी ली। टीम ने एक-एक चीज का बारीकी से मुआयना किया और परिवार के सदस्यों से नुरुद्दीन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

इस दौरान किसी को भी अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी। नुरुद्दीन भी घर पर नहीं है। यहां से निकलते समय एनआईए के अधिकारियों से पत्रकारों ने कई सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। बता दें कि देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में दरभंगा जिले के पीएफआई के इन तीनों सदस्यों के खिलाफ पटना के फुलवारीशरीफ थाने में मामला दर्ज किया गया है।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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