Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

हाथ छोड़कर साइकिल चला पाएंगे बेनी!

Published

on

बेनी प्रसाद वर्मा, बाराबंकी की राजनीति, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, दरियाबाद विधानसभा सीट

Loading

 

राकेश यादव

लखनऊ। हाथ छोड़कर साइकिल की सवारी करने उतरे बेनी बाबू सियासत की डगर पर अब कितना संतुलन बना पाते हैं, इसका जवाब तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन बेनी की सपा में वापसी ने बाराबंकी के राजनीतिक गलियाओं में हलचल तेज कर दी हैं। बेनी बाबू का अतीत देखने से साफ पता चलता है कि एक वर्ग विशेष की राजनीति के माहिर खिलाड़ी के आने से बाराबंकी में टकराव की राजनीति की संभावना से इन्कार नहीं जा सकता है। बेनी प्रसाद वर्मा  के साइकिल पर सवार होते ही बाराबंकी और आसपास के जिलों में राजनीतिक टकराव की आशंका शुरू हो गयी है। कयास लगने लगे हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में दरियाबाद विधानसभा सीट से  अपने पुत्र को जीत न दिला पाने वाले बेनी बाबू से सपा को फायदा कम, नुकसान अधिक होगा। एक समय कुर्मी मतदाताओं में मजबूत पकड़ रखने वाले पुराने समाजवादी नेता बेनी के दलबदल करने से मतदाताओं के बीच उनकी छवि धूमिल होने के साथ ही उनकी मतदाताओं पर पकड़ भी कमजोर हो गई। इनकी वापसी से बाराबंकी की राजनीति टकराव के आसार नजर आ रहे है।

बाराबंकी की राजनीति में उथल-पुथल मचने के आसार

राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी के पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने पाला बदलकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कुर्मी जाति के  वोटों को लेकर बाराबंकी पिछले करीब एक दशक से बसपा और सपा को गढ़ बना हुआ है। वर्ष-2007 के विधानसभा चुनाव में यहां की सीटों पर बसपा, सपा और भाजपा का मिला जुला प्रदर्शन देखने को मिला था। इसके बाद 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी छह विधानसभा सीटें समाजवादी पार्टी के कब्जे में हैं। इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने पुत्र राकेश वर्मा को दरियाबाद विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था लेकिन राकेश वर्मा को हार का स्वाद चखना पड़ा था। इस समय  बाराबंकी जिले से  प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप का बोलबाला है। गोप की राजनीतिक क्षमता एवं सक्रियता से बाराबंकी  में समाजवादी पार्टी का खोया हुआ वजूद वापस मिला। बेनी प्रसाद वर्मा की समाजवादी पार्टी में वापसी ने बाराबंकी की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। यही नहीं बाराबंकी की सभी विधानसभा सीटों पर वर्तमान विधायकों में से किस विधायक का टिकट कटवाकर बेनी बाबू अपने पुत्र को चुनाव मैदान में उतारेंगे।  बेनी की वापसी ने खासतौर पर बाराबंकी के राजनीतिक गलियारों में इन चर्चाओं को जरूर बल दे दिया है।

प्रादेशिक

गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

Published

on

Loading

लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

Continue Reading

Trending