Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को मिली जान से मारने की धमकी, केस दर्ज

Published

on

Dhirendra Shastri statement of Hindu Rashtra

Loading

छतरपुर (मप्र)। मप्र के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जान से मारने की धमकी मिली है। एक फोन कॉल द्वारा धीरेंद्र शास्त्री को धमकी मिली है। पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर इन दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में हैं।

बमीठा थाने में केस दर्ज

जानकारी के मुताबिक, धीरेंद्र शास्त्री को एक अज्ञात फोन कॉल कर धमकी दी गई है। छतरपुर के बमीठा थाने में धीरेंद्र शास्त्री के छोटे भाई लोकेश गर्ग की ओर से अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। धीरेंद्र का अभी रायपुर में दिव्य दरबार चल रहा है।

आरोपी की तलाश कर रही पुलिस

छतरपुर के एसपी सचिन शर्मा ने केस दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी का नाम अमर सिंह है। थाना बमीठा में धारा 506, 507 के अंतर्गत अमर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

श्याम मानव को मिली थी धमकी

इससे पहले, धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव को भी जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है। श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

नागपुर में दी थी धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती

श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर में दिव्य दरबार लगाने की चुनौती दी थी। श्याम का कहना था कि अगर धीरेंद्र शास्त्री उनके बीच दिव्य दरबार लगाते हैं और चमत्कार करके दिखाते हैं तो वो उन्हें 30 लाख रुपये देंगे। आरोप है कि धीरेंद्र शास्त्री दरबार अधूरा छोड़कर भाग गए थे।

Continue Reading

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending