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बिजनेस

सिटी बैंक का कारोबार एक्सिस बैंक को स्थानांतरित, रिटेल बिजनेस का हुआ मर्जर

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Axis Bank-Citibank merger

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नई दिल्ली। भारत के सबसे पुराने विदेशी बैंकों में से एक सिटी बैंक का रिटेल कारोबार आज 1 मार्च से एक्सिस बैंक को स्थानांतरित हो जाएगा। इसी के साथ सिटी के कंज्यूमर बिजनेस को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का अंतिम चरण पूरा हो जाएगा, जो पिछले साल मार्च में शुरू हुआ था।

भारत में सिटी बैंक के रिटेल बिजनेस में क्रेडिट कार्ड, गृह और व्यक्तिगत ऋण, खुदरा बैंकिंग और बीमा वितरण शामिल हैं। 2021 में सिटीग्रुप ने घोषणा की थी कि वह भारत सहित 13 देशों के खुदरा बैंकिंग ऑपरेशन से बाहर निकल जाएगा। इस अधिग्रहण के साथ, सिटी बैंक के खुदरा ग्राहक एक्सिस बैंक में स्थानांतरित हो जाएंगे।

सिटी बैंक के रिटेल बिजनेस का मर्जर

सिटी बैंक ने कुछ दिनों पहले एक्सिस बैंक द्वारा अपने खुदरा व्यापार रिटेल बिजनेस का अधिग्रहण किए जाने के बाद कोलकाता में ऐतिहासिक कनक बिल्डिंग कार्यालय से अपना साइनबोर्ड हटा दिया था।

पिछले हफ्ते एक्सिस बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों में किए गए एक नियामकीय फाइलिंग में सूचित किया था कि 1 मार्च, 2023 तक सिटी बैंक इंडिया के उपभोक्ता व्यवसाय और सिटीकॉर्प के एनबीएफसी व्यवसाय का अधिग्रहण पूरा कर लिए जाने की पूरी संभावना है।

पिछले साल हुआ था समझौता

एक्सिस और सिटी के बीच समझौता पिछले साल मार्च में हुआ था। एक्सिस बैंक ने पिछले साल कहा था कि वह भारत में सिटी बैंक के उपभोक्ता व्यवसाय को 12,325 करोड़ ($1.6 बिलियन) में खरीदने के लिए समझौते कर चुका है।

बैंक को इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए 12 महीने का समय दिया गया था। पिछले साल जुलाई में एक्सिस बैंक को इसके लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मिली थी।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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