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पत्रकारों पर हमले के मामले में एफआईआर दर्ज : बस्सी

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पत्रकारों पर हमला मामला, एफआईआर दर्ज, पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी, दिल्ली पुलिस का 69वें स्थापना दिवस

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नई दिल्ली| यहां सोमवार को शहर की एक अदालत में अधिवक्ताओं के पत्रकारों से मारपीट करने के मामले में एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने यहां दिल्ली पुलिस के 69वें स्थापना दिवस के एक कार्यक्रम में कहा, “हमने कल (सोमवार) अदालत में हुई घटना के सिलसिले में एक एफआईआर दर्ज की है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम आरोपियों की पहचान करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं और कानून के अनुसार, कार्रवाई की जाएगी।” बस्सी से सवाल किया गया कि आरोप है कि पत्रकारों के साथ हुई मारपीट के वक्त पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया? जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “अगर यह साबित हुआ कि पुलिस ने अपना कर्तव्य नहीं निभाया और उदासीनता दिखाई, तो उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी।”

कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, “मामले की जांच चल रही है।” उन्होंने आगे कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया। आईएएनएस के पत्रकार सहित चार पत्रकारों और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुछ विद्यार्थियों पर पटियाला हाउस अदालत में कुछ अधिवक्ताओं ने हमला किया था। पटियाला हाउस के कोर्टरूम में कुछ अधिवक्ता ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए घुस आए थे और वहां मौजूद कुछ पत्रकारों पर हमला किया। इस दौरान आईएएनएस के रिपोर्टर अमिय कुमार कुशवाहा से भी मारपीट की गई।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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