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नेशनल

वो अटल ही थे जो चुनाव हारने पर भी अपने विरोधी के घर लड्डू खाने जा सकते थे

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लखनऊ। भारत के बहुदलीय लोकतंत्र में अटल ऐसे एकमात्र राजनेता रहे, जो सभी दलों को स्वीकार थे। वो 16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 और 1998 – 99 और 13 अक्तूबर, 1990 से मई, 2004 तक तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। अटल जी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में जहां पाकिस्तान और चीन से संबंध सुधारने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए वहीं अंतरराष्ट्रीय दवाबों के बावजूद गहरी कूटनीति और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए पोखरण में परमाणु विस्फोट किए और कारगिल-युद्ध भी जीता।

आज अटल जी हमारे बीच नहीं हैं। लखनऊ से अटल को खास लगाव था। वो लखनऊ ही है जहां से अटल जी लगातार पांच बार सांसद रहे। ऐसे में हर तरफ सिर्फ अटल से जुड़े किस्से सुनाए जा रहे हैं। ऐसे में एक किस्सा वो भी है जब 1957 का चुनाव हारने के बाद अटल अपने विरोधी के घर उनकी जीत का लड्डू खाने जा पहुंचे थे।

वर्ष 1957 का चुनाव था। अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने थे कांग्रेस से पुलिन बिहारी बनर्जी ‘दादा’। बनर्जी चुनाव जीते और अटलजी हार गए। जनसंघ के कार्यालय पर मौजूद लोग हार-जीत का विश्लेषण कर रहे थे, अटल जी उठे और कुछ लोगों के साथ जा पहुंचे बनर्जी दादा के घर।

अटल को घर के सामने देख दादा के घर मौजूद लोग हड़बड़ा गए। अटल जी बोले, “दादा जीत की बधाई। चुनाव में तो बहुत कंजूसी की लेकिन अब न करो, कुछ लड्डू-वड्डू तो खिलाओ।”

आज अटल जी के जाने से पूरा देश और खासकर लखनऊ गहरे शोक में है। न सिर्फ लखनऊ बल्कि पूरा देश अटल जी जैसे जननेता और कवि को कभी भुला नहीं पाएगा। ‘आज की खबर’ भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अश्रुपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करता है।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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