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मुख्य समाचार

‘केजरीवाल समेत पांच लोगों ने दिए झूठे व अपमानजनक बयान’

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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली की एक अदालत में बयान दर्ज, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चडढा, दीपक बाजपेयी, आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में दिल्ली की एक अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के इन नेताओं ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ झूठे बयान दिए हैं। अपना बयान दर्ज कराने के दौरान जेटली ने मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल को बताया कि केजरीवाल और इन पांच लोगों ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे। कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत आए जेटली ने यह भी कहा कि ये बयान इसलिए दिए गए हैं ताकि केजरीवाल के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ सीबीआई जांच से ध्यान भटकाया जा सके।

सुरक्षाकर्मियों ने किसी भी मीडियाकर्मी को अदालत कक्ष में दाखिल नहीं होने दिया। बंद कमरे में हो रही इस सुनवाई में सिर्फ वकीलों को ही मौजूद रहने की अनुमति दी गई। जेटली ने 21 दिसंबर को केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं- कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चडढा और दीपक बाजपेयी- के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था और इन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया गया है। कानून में इन अपराधों के लिए दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। यह शिकायत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिनमें धारा 499(मानहानि), 500 (सजा), 501 और 502 (अपमानजनक सामग्री का मुद्रण एवं बिक्री) शामिल है।

अपनी शिकायत में जेटली ने कहा था कि मुख्यमंत्री और आप के अन्य नेताओं ने साझा इरादे के तहत राजनीतिक लाभ लेने के लिए 15 दिसंबर से उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक झूठा, द्वेषपूर्ण और अपमानजनक अभियान चलाया, जिससे उन्हें अपूर्णनीय क्षति हुई है। शिकायत में आप के नेताओं की ओर से संवाददाता सम्मेलनों में लगाए गए कुछ आरोपों का हवाला दिया, जिनमें से एक आरोप यह था कि सीबीआई ने दिल्ली सरकार के अधिकारी के कार्यालय पर जेटली के कर घोटाले की फाइलें ढूंढने के लिए छापा मारा और जेटली के कार्यकाल के दौरान कई सौ करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ था और उन्होंने 15 साल से भी अधिक समय तक डीडीसीए को इससे बचाने की कोशिश की। जेटली ने कहा था कि आप के नेताओं ने ये बयान मौखिक रूप से और टिवटर हैंडल के जरिए जारी किए, जिसे 15 दिसंबर से 20 दिसंबर तक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया ने प्रसारित किया।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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