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प्रादेशिक

एआरटी पर एआईसीओजी कार्यशाला का आयोजन, डॉ गीता खन्ना ने कही ये बात

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लखनऊ। आईवीएफ उपचार आज नई प्रगति पर पहुंच गया है और सफलता की दर भी बढ़ गई है। ऐसा संभव हो पाया पिछले दो दशकों में विकसित हुई तकनीकी प्रगति और शोधों की बदौलत। ये जानकारी प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ गीता खन्ना ने क्रिएटिंग फेमिलीज़ (एआरटी वर्कशॉप) के दौरान एआईसीओजी 2020 कार्यशाला में बुधवार को दी। उन्होंने यह भी बताया कि अब युवा स्त्रीरोग विशेषज्ञ अपने कॅरिअर के रूप में आईवीएफ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो तीन दशक पहले कई के लिए एक मिशन हुआ करता था।

डॉ गीता खन्ना जिन्होंने एआरटी कार्यशाला का संयोजन भी किया ने खुलासा किया कि यह मेगा अकादमिक कार्यक्रम विशेष रूप से आईवीएफ में आवर्तक आरोपण विफलताओं पर बांझपन और प्रबुद्ध डॉक्टरों के सभी पहलुओं को सुलझाता है। इनमें शामिल हैं आईयूआई और आईवीएफ में हार्मोन के डिम्बग्रंथि उत्तेजना के प्रोटोकॉल, पुरुष कारक बांझपन और जीवनशैली कारकों के कारण शुक्राणु डीएनए को नुकसान की भूमिका, बांझपन प्रबंधन में 3 डी/4 डी अल्ट्रासाउंड आदि जैसे प्रमुख कारण ।

कार्यक्रम में अंडाणु, भ्रूण स्थानांतरण, आईसीएसआई और भ्रूण फ्रीजिंग जैसी विभिन्न एआरटी प्रक्रियाओं के वीडियो ने डॉक्टरों को रोमांचक और बेहतर सीखने का अनुभव दिया। उन्हें आईयूआई और आईवीएफ लैब स्थापित करने के बारे में प्रख्यात एआरटी विशेषज्ञों से पहली बार जानकारी मिली।

कार्यशाला में एफओजीएसआई अध्यक्ष डॉ नंदिता पलशेकर, अध्यक्ष डॉ अल्पेश जोशी, निष्ठावान डॉ रेशमा पाई, डॉ एचडी पाई, प्रो मीरा अग्निहोत्री, डॉ सोनम मल्लिक, डॉ कमला साल्वरज, प्रो सुधा प्रसाद, डॉ जयदीप मल्होत्रा, डॉ नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ मंजू शुक्ला, डॉ इंदु टंडन, प्रो विनीता दास, डॉ कुलदीप जैन, डॉ आशा बक्षी, डॉ.आशा राव और डॉ फेस्सी लुइस भी शामिल रहे।  प्रोफ़ेसर सुधा प्रसाद और डॉ कुंजिमोइदीन द्वारा संचालित बांझपन प्रबंधन में चुनौतियों पर एक जानकारीपरक पैनल चर्चा के साथ कार्यशाला समाप्त हुई। डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि इस जानकारी भरे सत्र में लगभग 800 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

अखिल भारतीय प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों के इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे भारत और विदेशों से 13,000 से अधिक ओबीजीएन विषेषज्ञ स्मृति उपवन लखनऊ में मौजूद थे। पांच दिवसीय मेगा कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ की ओबीजीएन की टीम के साथ सचिव डॉ प्रीति कुमार और चेयरपर्सन प्रोफेसर चंद्रवती द्वारा किया गया।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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