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मनोरंजन

‘अलीगढ़’ फिल्म पर रिक्शा चालक ने उठाया सवाल

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'अलीगढ़' फिल्म पर रिक्शा चालक ने उठाया सवाल

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'अलीगढ़' फिल्म पर रिक्शा चालक ने उठाया सवाल

लखनऊ। बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी द्वारा अभिनीत फिल्म ‘अलीगढ़’ को जहां फिल्म समीक्षकों की वाहवाही मिल रही है, वहीं जिस रिक्शा चालक और प्रोफेसर के संबंधों पर फिल्म की कहानी को गढ़ा बताया जा रहा है, अब उसी रिक्शा चालक ने फिल्म पर सवाल उठाया है। 

इस फिल्म को अदालत में चुनौती भी दी गई है, जिस पर 29 फरवरी को सुनवाई होनी है। यही नहीं, फिल्म सेंसर बोर्ड, सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव और निर्देशक हंसल मेहता को नोटिस भेजा गया है।

हंसल मेहता की फिल्म के खिलाफ इस घटना से जुड़े लोगों ने उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। आदिल मुर्तजा बनाम हंसल मेहता एवं अन्य के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने के लिए सिविल कोर्ट में भी वाद दायर किया गया है।

कहा जा रहा है कि यह फिल्म वर्ष 2010 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में मराठी भाषा के प्रोफेसर सिरास, एक रिक्शा चालक और तीन पत्रकारों की जिंदगी पर आधारित है। प्रोफेसर एक रिक्शा चालक से समलैंगिक संबंध स्थापित करते थे।

वहीं अलीगढ़ के बताए जा रहे रिक्शा चालक ने एक प्रेस वार्ता ने कहा कि वह समलैंगिक नहीं है। उसका कहना है कि प्रोफेसर जबरन गलत हरकत करते थे। उसके मना करने पर चोरी के इल्जाम में फंसाने की धमकी देते थे। रिक्शा चालक ने कहा, “मेरे परिवार में पत्नी और पांच बच्चे हैं, मैं प्रोफेसर साहब की प्रवृत्ति का व्यक्ति नहीं हूं।”

इस मामले में रिक्शा चालक का साथ देने वाले पत्रकार आदिल मुर्तजा का कहना है कि रिक्शा चालक का साथ देने पर प्रो. सिराज ने उन पर निजता भंग करने का अरोप लगाते हुए मुकदमा कर दिया है। उनके वकील ने बताया कि इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया है और निर्देशक हंसल मेहता सहित अन्य को नोटिस भेजा गया है।

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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