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मुख्य समाचार

उप्र : तीसरे साल भी गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, तीसरे साल भी गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा, कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान यह भी तय हुआ कि सरकार गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाएगी। गन्ने का मूल्य 280 रुपये प्रति कुंटल ही बना रहेगा। बैठक के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि “हमने गन्ना का समर्थन मूल्य भले ही 280 रुपया ही रखा है, लेकिन गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाये का भुगतान कराया जाएगा।” उन्होंने कहा, “हमने इस वर्ष को किसान वर्ष घोषित किया है और इसीलिए हम किसानों के हितों से जुड़े अन्य कामों को वरीयता देंगे। हमारा ध्यान बुंदेलखंड पर है। इसके साथ ही हम ओला और सूखा पीड़ितों की भी मदद करेंगे। इसमें हमें केंद्र की तरफ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार का ध्यान बुंदेलखंड पर भी है। सरकार बुंदेलखंड के लोगों के साथ ही वहां मवेशी रखने वालों की मदद भी करेगी। अभी तक तो वहां पर मुख्यसचिव आलोक रंजन ने दौरा किया है और आगे मेरा भी दौरा लगातार चलता रहेगा। हमारी सरकार बुंदेलखंड पर लगातार काम कर रही है।” प्रदेश में गन्ना मूल्य निर्धारण में इस बार काफी विलंब हुआ है। पेराई मौसम के लगभग दो माह बीतने को हैं, लेकिन गन्ना पर्चियों पर रेट दर्ज नहीं हुआ। चीनी मिलों ने किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान भी नहीं किया। चीनी मिलों पर किसानों का बकाया भुगतान लगभग 75,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है। समाजवादी सरकार ने पेराई सत्र 2012-13 में गन्ना मूल्य बढ़ाकर 275, 280 और 290 रुपये प्रति कुंटल घोषित किया था। ये तीनों दरें क्रमश: अस्वीकृत, सामान्य और अगेती प्रजाति के लिए हैं। सत्र 2013-14 और 2014-15 में भी यही गन्ना मूल्य रखा गया था। 2015-16 में भी गन्ना मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह पहला मौका है, जब लगातार तीसरे साल गन्ना मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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