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मुख्य समाचार

आप ने जेटली को बताया भ्रष्टाचार में लिप्त, 90 करोड़ की धांधली का लगाया आरोप

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नई दिल्ली। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं। आप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जेटली को बर्खास्त करने की मांग की। आप का आरोप है कि फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के निर्माण के लिए 24 करोड़ रुपये का बजट था, जबकि इस स्टेडियम के निर्माण में 114 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

आप नेता संजय सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जब तक जेटली पद पर हैं, डीडीसीए मामले निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। ऐसे में उनका पदमुक्त होना अनिवार्य हो गया है।” एक अन्य आप नेता कपिल मिश्रा (कैबिनेट मंत्री) ने कहा, “मोदीजी में क्या जेटली को उस समय तक पद से हटाने की हिम्मत है, जब कि इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती। क्या मोदीजी वह कर सकते हैं, जो केजरीवाल (अरविंद केजरीवाल) ने अपने दागी मंत्रियों के साथ किया है?”

उनका इशारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा रिश्वत लेने के आरोपी मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की ओर था। आप ने इसी आधार पर जेटली को भी पदमुक्त किए जाने की मांग करते हुए कहा कि जब तक दिल्ली व जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से जुड़े मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक जेटली को पदमुक्त कर देना चाहिए।

इसी संवाददाता सम्मेलन में आप नेता कुमार विश्वास ने कहा, “अरुण जेटली डीडीसीए से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं।” आप के प्रवक्ता राधव चड्ढा ने कहा कि जेटली डीडीसीए को किसी प्राइवेट क्लब की तरह चलाते रहे हैं। आप नेताओं ने जेटली पर कई आरोप लगाए हैं। जेटली कई सालों तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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