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जरूर देखें यह अद्भुत नजारा, इस हफ्ते होगी आसमान से आतिशबाजी की बारिश

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इस हफ्ते आपको रात के आसमान में आतिशबाजी का नजारा देखने को मिल सकता है। 16 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच हर साल धरती एक धूमकेतु या कॉमेट की पूंछ के बीच से होकर गुजरती है। जब ऐसा होता है तो उस धूमकेतु के जो टुकडे धरती के वातावरण से रगड़ खाते हुए धरती की ओर गिरते हैं वे रगड़ की गर्मी से जल उठते हैं। इस दौरान धरती से देखने पर ऐसा लगता है जैसे आसमान में सैकड़ों फुलझडि़यां छूट रही हों।

इस संडे रहें तैयार

इस हफ्ते किस तारीख को और किस समय यह अद्भुत नजारा देखा जा सकेगा यह कहना तो मुश्किल है फिर भी वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि अगर आप 22 अप्रैल को सूरज निकलने से पहले एकदम सुबह इसे देखने की कोशिश करेंगे तो कामयाब होने की संभावना ज्यादा है। साइंस वेबसाइट अर्थस्काई के मुताबिक, इस दौरान प्रति घंटे 10 से 20 उल्कापिंड गिरते दिखाई दे सकते हैं। इसलिए इस रविवार को एकदम भोर में बाहर निकलिए।

कौन सी जगह है बेहतर

इसके लिए ऐसे स्थान का चुनाव कीजिए जहां कम रोशनी हो,  आजहकल शहरों में इतनी लाइटें जलती हैं कि आसमान के तारे तक दिखाई नहीं देते। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि आपके आसपास ऊंची इमारतें भी ना हों। अगर गांव-देहात का रुख कर सकें तो और भी बेहतर।

दूरबीन वगैरह का इस्तेमाल ना करें

आपमें से बहुतेरों को लग रहा होगा कि दूरबीन या टेलिस्कोप से देंखेंगे तो यह नजारा ज्यादा बेहतर दिखाई देगा। लेकिन ऐसा मत करिएगा क्योंकि दूरबीन से देखने पर आपका व्यू सीमित हो जाएगा क्योंकि यह आतिशबाजी पूरे आसमान में कहीं भी हो सकती है और ऐसा करने पर इसके मिस होने के चांस ज्यादा हैं। इसलिए अपनी आंखों पर ही भरोसा करें।

कौन सा है यह धूमकेतु

पहले तो यह जान लें कि धूमकेतु या कॉमेट होता क्या है। धूमकेतु हमारे सौर मंडल में पत्थर, धूल और बर्फ के बने ऐसे ठोस पिंड हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। यह धूमकेतु थैचर नाम का है जिसकी खोज ए.ई. थैचर ने की थी। पिछली बार यह 1861 में धरती के नजदीक होकर गुजरा था।

 

 

 

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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