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लाइफ स्टाइल

मोटापे में 5 प्रतिशत वजन कम होने से भी फायदा

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मोटापे में 5 प्रतिशत वजन कम, 10 से 15 प्रतिशत तक वजन कम होने से और फायदा, मोटापे से पीड़ित लोग

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मोटापे में 5 प्रतिशत वजन कम, 10 से 15 प्रतिशत तक वजन कम होने से और फायदा, मोटापे से पीड़ित लोग

नई दिल्ली| मोटापे से पीड़ित लोग अगर 5 प्रतिशत भी वजन कम करते हैं तो उन्हें इसका फायदा होता है। उन्हें दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है, उनके पाचन तंत्र में काफी सुधार हो जाता है। वहीं, 10 से 15 प्रतिशत तक वजन कम होने से और फायदा होता है। भारत दुनिया में मोटापे के मामले में तीसरे नम्बर पर आता है और यह दिल के रोगों का प्रमुख कारण है। यह देखते हुए कि भारत के 13 प्रतिशत लोग मोटापे से पीड़ित हैं बड़े स्तर पर दिल के रोगों का खतरा बना हुआ है। भारत के खास कर शहरी युवाओं के बढ़ते वजन की वजह से छोटी उम्र में दिल के रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। मोटापे की वजह से मोम जैसी मैल जिसे प्लॉक कहा जाता है, वह रक्त धमनियों में जमा होनी शुरू हो जाती है, जो रुकावट पैदा करके दिल को ऑक्सीजन और रक्त का संचार रोक देती है। इसी वजह से दिल का दौरा और आकस्मिक कार्डियक अरेस्ट होता है।

भारत दुनिया में मोटापे के मामले में तीसरे नम्बर पर आता है

मोटापे से पीड़ितों को हाईपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा होता है जो दिल पर और अधिक दबाव डालता है जिससे दिल जल्दी थकने लगता है। इससे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और बुरा बढ़ जाता है। 40 साल से कम उम्र के युवाओं में यह दिल के रोगों का कारण बन रहा है। इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव डॉ के के अग्रवाल कहते हैं कि मोटापा टाइप 2 मधुमेह और दिल के रोगों का कारण है। पाचनतंत्र की गड़बड़ियों से लीवर, पैनक्रिआस, मसल, फैट और अन्य ऊतकों पर प्रभाव पड़ता है। जो लोग मोटापे का शिकार हैं उन्हें 5 से 10 प्रतिशत मोटापा कम करने की सलाह दी जाती है। सेंट लुईस के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन में हुई एक अध्ययन में 40 मोटापे से पीड़ित आलसी लोगों में से कुछ को अपना वजन बनाए रखने और कुछ को 5 प्रतिशत, फिर 10 प्रतिशत व 15 प्रतिशत तक वजन कम करने के लिए डाइट करने के लिए कहा गया।

19 लोगों ने साढ़े तीन महीने में पहला लक्ष्य हासिल कर लिया। उनके पेट और लीवर से काफी फैट कम हुआ। उनके ग्लूकोज, इनसूलिन, ट्रिग्लिसेराइडस और लेप्टिन के प्लाजमा में कमी आई। उनके फैट, लीवर और मसल टीशू में इनसूलिन के प्रति प्रतिक्रिया में भी सुधार हुआ। मोटापे के कारण लोगों में सूजन के बढ़ जाती हैं। लेकिन 5 प्रतिशत वजन कम करने वालों में इसके कारकों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। आप अपने कमर के घेरे, कूल्हों और कमर के अनुपात, कद और वजन के अनुपात से मोटापे का पता लगा सकते हैं। इस आखरी माप को बॉडी मास इंडेक्स कहा जाता है। जैसे जैसे यह बढ़ता है दिल के रोगों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अगर किसी का बीएमआई 22 से ज्यादा है तो उन्हें ओवरवेट माना जाता है। महिलाओं में बीएमआई 21 से ज्यादा हो तो दिल की सेहत पर असर पड़ता है। 30 से ज्यादा वाले व्यक्ति मोटापे के शिकार होते हैं और उनको गंभीर दिल के रोग होने का खतरा होता है। खोज में पता चला है कि मधुमेह के 58 प्रतिशत और इस्केमिक हार्ट डिसीज के 21 प्रतिशत मामले 21 से ज्यादा बीएमआई की वजह से होते हैं।

लाइफ स्टाइल

दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज  

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Junk food invites heart related diseases, avoid these foods

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नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।

तला हुआ खाना

कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।

चीनी युक्त सोडा या फिर केक

चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

लाल मांस

रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।

सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता

सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

 

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