Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

परिवर्तन का घटक है महिला सशक्तीकरण : बान की-मून

Published

on

परिवर्तन का घटक है महिला सशक्तीकरण, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत

Loading

परिवर्तन का घटक है महिला सशक्तीकरण, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए अपने संदेश में कहा कि महिला सशक्तीकरण परिवर्तन का घटक (एजेंट) है। मीडिया में खबर आई के मुताबिक, की-मून ने अपने बयान में कहा कि दुनिया के गरीब देशों में अब भी प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत होती है और लड़कियों पर आज भी हमले होते हैं। उन्होंने कहा, “हमलोग परिवर्तन के एजेंट के रूप में महिला सशक्तीकरण कर इस समस्या को रेखांकित कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि जब वह संयुक्त राष्ट्र संघ आए थे तो क्षेत्र में चल रहे शांति मिशनों का कोई भी महिला नेतृत्व नहीं कर रही थीं, लेकिन आज करीब एक चौथाई मिशनों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। यह काफी तो नहीं है, लेकिन सुधार जरूर है।

8 मार्च को है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

बान ने कहा कि उन्होंने करीब 150 महिलाओं को सहायक महासचिव और अवर महासचिव के रूप में नियुक्त किया है। महिलाओं के अधिकारों के हनन से नाराज की-मून ने कहा कि वह उन लोगों जैसा दिल चाहते हैं जो यह मानकर काम कर रहे हैं कि महिला सशक्तीकरण से समाज की प्रगति होगी। की-मून और संयुक्त राष्ट्र महिला के कार्यकारी निदेशक फुमजिले एमलैम्बो नागसुक ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए अपने संदेश में वैश्विक समुदाय से आह्वान किया कि वे लिंगभेद खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। नागसुक ने कहा कि दीर्घकालीन विकास के लिए 2030 के नए एजेंडे में इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहला समारोह है।

उन्होंने कहा, “भविष्य में जाने के लिए हमलोग किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना चाहते हैं। यह शुरुआत पहले उन लोगों से करना हैं जो कम सम्मानित हैं। और ये महिलाएं और लड़कियां हैं। हालांकि अशांत और गरीब इलाकों में लड़कों और पुरुषों को भी शामिल किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि नई महामारियां जैसे जीका विषाणु के प्रकोप या जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सबसे पहले महिलाओं पर पड़ता है, इसलिए उनके परिवारों की सुरक्षा गंभीर प्रयास के साथ-साथ शांति, दीर्घजीवी विकास सुनिश्चित करने और सामाजिक परिवर्तन के लिए भी कोशिशें होनी चाहिए। उललेखनीय है कि 2016 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का थीम ‘वर्ष 2030 तक ग्रह 50-50 : लैंगिक समानता के लिए उठे कदम’ है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Continue Reading

Trending