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मनोरंजन

इरफान ‘नो बेड ऑफ रोसेज’ फिल्म के सहनिर्माता भी

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इरफान 'नो बेड ऑफ रोसेज' फिल्म के सहनिर्माता भी

मुंबई| अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अभिनेता इरफान खान को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म ‘नो बेड ऑफ रोसेज’ में लिया गया है। वह इस फिल्म के सह-निर्माता भी हैं। फिल्म के लेखक और निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी का कहना है कि इरफान का सह-निर्माता होना फिल्म के लिए बहुत बड़ी बात है।

फारूकी बांग्लादेश के जाने-माने फिल्मकार हैं। फिल्म की निर्माता कोलकाता की एस्के मूवीज और बांग्लादेश की जैज मल्टीमीडिया फिल्म निर्माण एवं वितरण कंपनी है।

यह एक ‘पारिवारिक कहानी’ बताई जा रही है, जिसकी सह निर्माता इरफान की प्रोडक्शन कंपनी ‘आईके’ होगी।

फारूकी ने एक बयान में कहा, “मुझे अच्छे कलाकार और अच्छी टीम मिली है। इरफान को सह-निर्माता के रूप में फिल्म से जोड़ना हमारे लिए एक बहुत बड़ी बात है।”

‘नो बेड ऑफ रोसेज’ की शूटिंग मार्च के आखिर में शुरू होगी। इसे बांग्लादेश और उत्तरी बंगाल में 35 दिनों के शेड्यूल में फिल्माया जाएगा।

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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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