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मनोरंजन

एमा को नापसंद थीं अपनी घनी बरौनियां

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एमा को नापसंद थीं अपनी घनी बरौनियां

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एमा को नापसंद थीं अपनी घनी बरौनियां

लंदन| मशहूर हॉलीवुड फिल्म फ्रेंचाइजी ‘हैरी पॉटर’ की फिल्मों में ‘हरमाइन ग्रेनजर’ का किरदार निभाने के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री एमा वॉटसन ने माना कि वह पहले अपनी घनी बरौनियों को नापसंद करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें पसंद करने लगी। वेबसाइट ‘डेलीमेल डॉट को डॉट यूके’ की रिपोर्ट के अनुसार, एमा (25) ने यह बात यहां बुधवार को एमनुएल सेंटर में महिला पत्रकार ग्लोरिया स्टाइनेम को दिए एक साक्षात्कार में कही।

एमा ने कहा, “मुझे इससे खीझ होती थी कि मेरी बरौनियां बहुत घनी हैं। मैं जब नौ साल की थी, तो उन्हें उखाड़ फेंकना और बिल्कुल पतली कर देना चाहती थी।”

उन्होंने कहा, “आप इन सब चीजों को अपना लेते हैं। मेरी मां मुझे यह समझने की कोशिश करती थीं कि मुझे उनके नैन-नक्श मिले हैं और मुझे इन पर शर्मिदा नहीं होना चाहिए।”

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नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट

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मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।

इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’

उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’

 

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