अन्तर्राष्ट्रीय
जीका वायरस: विश्व बैंक ने 15 करोड़ डॉलर दिए
मेक्सिको सिटी। विश्व बैंक ने लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में जीका वायरस से निपटने में मुस्तैदी दिखाते हुए 15 करोड़ डॉलर देने की पेशकश की है। विश्व बैंक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, जीका की वजह से 2016 में क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को लगभग 3.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए 5.6 करोड़ डॉलर के कोष का आह्वान किया था। लेकिन विश्व बैंक ने इससे लगभग तिगुनी राशि की पेशकश की है, जिसका व्यापक पैमाने पर स्वागत हुआ है। इस धनराशि का इस्तेमाल प्रौद्योगिकीय अनुसंधान, जीका से निपटने के लिए टीका तैयार करने और इस बीमारी का जल्द पता लगाने वाली तकनीक के ईजाद में किया जाएगा।
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने जारी बयान में कहा, “हमारा मानना है कि जीका वायरस को फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके।” उन्होंने कहा, “विश्व बैंक समूह जीका से प्रभावित देशों के साथ खड़ा है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सहायता भी देने को तैयार है।”
विश्व बैंक के मुताबिक, इस धनराशि का इस्तेमाल मच्छरों को नियंत्रित करने, इसकी चपेट में आने वाले लोगों की पहचान करने, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इससे बचाने, गर्भावस्था और जन्म के बाद शिशुओं की देखभाल करने में किया जाएगा। लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में विश्व बैंक के उपाध्यक्ष जॉर्ज फैमिलियर काल्डेरन ने कहा, “जीका वायरस से निपटने के संदर्भ में लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों को प्राथमिकता दी गई है।”
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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