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केंद्र सरकार ने डिजाइनर सपने दिखाए : अखिलेश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब सपनों का नहीं, बल्कि डिजाइनर सपनों का जमाना है। नकल करना आज की संस्कृति बन गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नौ शिक्षकों को सम्मानित किया व नए राजकीय हाईस्कूलों व मॉडल स्कूलों में से कुछ का लोकार्पण व कुछ का शिलान्यास किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों को कई हसीन और डिजाइनर सपने दिखाए हैं। भरपूर बिजली और युवाओं को नौकरी देने का वादा किया, हकीकत सभी जानते हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने नकलविहीन परीक्षा पर जोर देते हुए कहा कि नकल से नौकरी हासिल नहीं की जा सकती। नकल करना आज की संस्कृति बन गई है। उन्होंने कहा, “सांसद रहते मैंने खुद देखा है कि कॉलेज में माता-पिता और सहयोगी नकल कराते हैं। रोजगार के लिए नकल की नहीं, बल्कि गुणवत्तापरक शिक्षा की जरूरत होती है।”

अखिलेश ने कहा कि उनकी सरकार इस ओर प्रयास कर रही है। सपा ने युवाओं के हित में कई काम किए हैं। लैपटॉप वितरण, कन्या विद्याधन और बेरोजगारी भत्ता इसका उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने तीन शिक्षकों को सरस्वती पुरस्कार व छह अध्यापकों को शिक्षकश्री पुरस्कार प्रदान किया।

चंद्रशेखर आजाद कृषि विविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. मुन्ना सिंह, डाह. राममनोहर लोहिया अवध विविद्यालय फैजाबाद के रिटार्यड प्रोफेसर डॉ. जी.सी. पाण्डेय और लविवि के प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह को सरस्वती सम्मान मिला। इसके तहत उन्हें तीन लाख रुपये के साथ प्रतीकचिह्न् व प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया।

इसके अलावा लविवि के डॉ. निसार अहमद आजमी, प्रोफेसर सोमेश शुक्ल व डॉ. उदय प्रताप सिंह, राजकीय महाविद्यालय के शिक्षक डॉ. गुलाब शंकर लाल देवरिया, सहायता प्राप्त डिग्री कालेज के डॉ. बलबीर सिंह वाराणसी व स्ववित्तपोषित श्रेणी में मेरठ के डॉ. हरेंद्र सिंह को सम्मानित किया जाएगा। इन सभी शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप डेढ़ लाख की धनराशि, प्रतीकचिह्न् व प्रशस्तिपत्र प्रदान किया।

उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा विभाग के इन पुरस्कारों को पांच सितम्बर को हर वर्ष प्रदान किया जाता है, लेकिन इस बार शिक्षकों का चयन पूरा न होने के कारण समारोह टल गया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बनाए गए राजकीय हाईस्कूलों तथा मॉडल स्कूलों को मिलाकर करीब 150 स्कूलों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

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गाजियाबाद में बीच सड़क पर चलती कार बनी आग का गोला, ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान

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गाजियाबाद। गाजियाबाद में शनिवार को एक चलती कार में अचानक आग लग गई। आग बेहद भीषण थी और कुछ पलों में ही आग की तेज लपटों ने पूरी गाड़ी को घेर लिया। दोनों तरफ से ट्रैफिक चल रहा था इसी दौरान कार में ब्लास्ट भी हुआ। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में ड्राइवर को कोई नुक्सान नहीं हुआ है। उसने पहले से कार से कूदकर अपनी जान बचा ली।

मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। फायर विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को गाजियाबाद के फायर स्टेशन कोतवाली में दिन में 2 बजे चिरंजीव विहार के सामने हापुड़ रोड पर कार में आग की सूचना मिली।

सूचना मिलते ही फायर स्टेशन कोतवाली का एक फायर टेंडर यूनिट को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। घटनास्थल पर पहुंच कर फायर कर्मियों ने देखा कि गाड़ी से आग की लपटें काफी तेज हैं और आग पूरी गाड़ी में फैल चुकी है। फायर यूनिट ने शीघ्रता से होजलाइन फैलाकर फ़ायर फ़ाइटिंग कर आग को पूर्ण रूप से शांत किया। जानकारी के मुताबिक यह महिंद्रा कंपनी की केयूवी कार थी। गाड़ी डीजल की थी। गाड़ी के मालिक का नाम परवेज आलम है। वो गाड़ी से डासना की तरफ जा रहे थे।

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