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मेक इन इण्डिया – कितना सच कितना सपना

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Make in India

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Make in Indiaमेक इन इण्डिया भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित कायर्क्रम है जिससे अच्छी व जरूरत की चीजों का निर्माण ज्यादा से ज्यादा भारत में किया जा सके। मेक इन इण्डिया द्वारा भारत में अपने उत्पादों का निर्माण करने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और घरेलू कम्पनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मेक इन इण्डिया का लक्ष्‍य जीडीपी विकास दर व राजस्व में वृद्धि कर भारत को मैन्यूफैक्चरिंग गढ़ बनाने का है जिससे व्यापक स्तर पर रोजगारों का सृजन हो सके साथ ही कौशल विकास क्षमता को बढ़ाया जा सके।

मेक इन इण्डिया कार्यक्रम की सफलता जहां एक ओर भारत की बेरोजगारी की समस्या को हल करेगी, वहीं दूसरी ओर भारत की ब्रेन ड्रेन की समस्या को भी हल करने में मददगार साबित होगी। भारत के पैसों को विदेशी ब्रांड पर खर्च नहीं करना पड़ेगा तो इसके साथ ही हमारा आयात कम होने से व्यापार घाटा भी कम किया जा सकेगा।

परन्तु ये सब अभी मात्र एक खूबसूरत सपने जैसा है। जिसे सच करना इतना आसान नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था आद्वाोगिक नहीं बल्कि कृषि प्रधान है, तो सबसे पहली चुनौती इस माइण्डसेट को बदलने की है। दूसरी समस्या है प्रदूषण, औद्वोगिकीकरण अपने साथ प्रदूषण। शहरों की तरफ पलायन, झुग्गी झोपड़ी व गन्दगी की समस्‍या को साथ लाता है। तो इस कार्यक्रम को सफल तभी कहा जा सकेगा जब इससे उत्पन्न इन समस्‍याओं का ठोस हल भी ढूंढा जाए।

तीसरी समस्‍या है उद्वोग स्‍थापित करने की-

जटिल व लालफीताशाही प्रक्रिया से उद्वोग स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण व पर्यावरण स्वीकृतिदिलाना भी एक जटिल समस्या है।

मेक इन इण्डिया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंग दक्ष व कुशल मानव संसाधन। इसके लिए सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव करने होंगे। शिक्षा का उद्देश्य मात्र साक्षर बनाना नहीं होना चाहिए बल्कि युवाओं को शिक्षित, प्रशिक्षित व उनका कौशल विकास कर उन्हें महुमूल्य मानव संसाधन बनाना होना चाहिए।

इतनी अड़चनों के बावजूद मेक इन इण्डिया जैसी रचनात्मक पहल भारत के उज्जवल आद्वाैैगिक भविष्य के लिए नींब का पत्थर साबित होगी इसकी सफलता का अन्‍दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लेनोवो, ओप्पो आदि जैसी कंपनियां भारत में उत्पादन के लिए आगे आई हैं। अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि मेक इन इण्डिया के द्वारा जिस सशक्त भारत का सपना हमारे प्रधानमंत्री जी ने देखा है वह मुश्किल जरूर है पर नामुमकिन बिल्कुल नहीं। बस जरूरत है दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति की।

-रश्मि यादव

 

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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