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अन्तर्राष्ट्रीय

नाइजीरिया: बोको हराम ने हमले की रणनीति बदली

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नाइजीरिया, बोको हराम की हमले की रणनीति, आतंकवाद रोधी अभियान तेज, नाइजीरिया के सुरक्षाबल, सुरक्षा मुख्यालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल राबे अबुबकर

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लागोस| नाइजीरिया में सुरक्षाबलों की ओर से आतंकवाद रोधी अभियान तेज करते ही आतंकवादी संगठन बोको हराम के आतंकवादियों ने अपनी रणनीति बदल ली है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शनिवार को सुरक्षा मुख्यालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल राबे अबुबकर के हवाले से कहा कि बोको हराम के आतंकवादी अब सार्वजनिक इलाकों में बम विस्फोट करने के लिए पागलों का वेश धर रहे हैं, ताकि उन पर किसी को संदेह न हो। अबुबकर ने कहा कि आतंकवादियों ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तरी अदामावा राज्य के गोम्बी में दो आत्मघाती पुरुष हमलावरों ने एक पागल महिला का वेश धरकर आत्मघाती बम हमले को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले में पांच लोग मारे गए और कई अन्य लोग घायल हुए। अबुबकर ने देशभर के लोगों से अपील की है कि बाजारों, सार्वजनिक इलाकों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पागलों का वेश धरकर घूमने वालों से सतर्क रहें।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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