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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत-पाकिस्तान विरोधी ताकतों की साजिशें विफल होंगी

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने बुधवार को कहा कि कुछ भारत-पाक विरोधी ताकतें पठानकोट वायुसेना अड्डे जैसे हमलों के जरिये नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच वार्ता प्रक्रिया में खलल डालना चाहते हैं, लेकिन वे अपने नापाक इरादों में कभी सफल नहीं हो पाएंगे। ‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, आसिफ ने कहा कि भारतीय नेताओं ने पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले से संबंधित कोई भी आरोप इस्लामाबाद पर नहीं लगाए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत में कहा कि सौहार्दपूर्ण संबंध आतंकवादियों के लिए सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान स्वयं आतंकवादी हमले का पीड़ित है और वह इन आतंकवादियों के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ रहा है। पंजाब के पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले में सुरक्षा बल के सात जवान शहीद हो गए। सुरक्षा बलों ने छह आतंकवादियों को मार गिराया।

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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