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बेटों के बाद पत्‍नी व बेटी को भी सेटल करना चाहते हैं लालू

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लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती, पार्टी के सांसद प्रेमचंद गुप्‍ता, राज्यसभा की सीट, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बिहार सरकार में मंत्री

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दिल्‍ली में बंगले पर भी नजर

पटना/नई दिल्‍ली। सांसदी और मंत्रीपद छिनने के बाद फिलहाल लालू यादव जब भी दिल्‍ली आते हैं अपनी पार्टी के सांसद प्रेमचंद गुप्‍ता के आधिकारिक आवास या अपने फार्महाउस पर ठहरते हैं लेकिन अब यह बीते दिनों की बात हो जाएगी। अपने दोनों बेटों को राजनीति में सैटल करने के बाद लालू प्रसाद अब अपनी पत्‍नी व बिहार की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को देश की सबसे बड़ी पंचायत में भेजना चाहते हैं। इससे उनके पास दिल्‍ली में आधिकारिक रूप से दो-दो आवास हो जाएंगे। राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की नजर अब केंद्रीय राजनीति पर है। इसके मद्देनजर लालू अब अपने परिवार के सदस्‍यों को भी केंद्रीय राजनीति में जगह दिलाने और राष्‍ट्रीय राजधानी में बंगले के आवंटन पाने की तैयारी में जुट गए हैं।

मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार, बिहार चुनाव में उम्मीद से भी ज्यादा सीटें मिलने से उत्साहित लालू प्रसाद यादव अब अपनी पुत्री मीसा भारती और पत्नी राबड़ी देवी को राज्यसभा की सीट दिलाने में जुट गए हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगले साल राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव में लालू यादव की राह में ज्यादा कोई अड़चन भी नहीं आने वाली है। चूंकि उनकी पार्टी के पास बिहार में पर्याप्‍त संख्‍या में विधायक हैं। इसी के मद्देनजर लालू ने अपने परिवार के सदस्‍यों को केंद्रीय राजनीति में लाने के लिए पूरी तैयारी भी कर ली है। गौरतलब है कि अभी लालू के दो पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बिहार सरकार में मंत्री हैं। तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री होने के साथ ही राज्य के पथ और भवन निर्माण मंत्री हैं जबकि तेजप्रताप यादव राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं।laloo

पार्टी सूत्रों के अनुसार, मीसा और राबड़ी के लिए भी राजनीतिक तौर पर कोई इंतजाम करना लालू यादव के लिए अब एक मुख्य विषय इन दिनों रहा है। इन दोनों के राज्यसभा में आने से आरजेडी प्रमुख को दिल्ली के लुटियन जोन में आसानी से बंगला भी मिल जाएगा। यहां का बंगला उन्हें वर्ष 2013 में चारा घोटाले में संसद की सदस्यता से अयोग्य होने के चलते छोडऩा पड़ा था। लालू इसके पहले अपने दो साले साधु और सुभाष यादव को भी संसद में भेज चुके हैं। लालू को बिहार विधानसभा में 80 सीटें मिली है। राबड़ी और मीसा को जिताने के लिए उन्हें सिर्फ दो और वोटों की दरकार है। बिहार से राज्‍यसभा सदस्‍य बनने के लिए 41 वोटों की जरूरत होती है और दो वोट जुटाना लालू जैसे राजनीति के माहिर खिलाड़ी के लिए कोई मुश्किल नहीं होगा। राज्यसभा की पांच सीटें जुलाई 2016 में जदयू सांसदों के रिटायर होने से खाली हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार लालू हमेशा कहते रहे हैं कि वे राष्ट्रीय स्तर पर काम करेंगे और नीतिश कुमार राज्य स्तर। उनकी इस कवायद को इसी रूप में देखा जा रहा है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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