मनोरंजन
मोगैंबो जैसी यादगार भूमिका निभाना चाहता हूं : अनुपम
मुंबई| फिल्म अभिनेता अनुपम खेर वैसे तो अपने तीस साल लंबे फिल्मी करियर में तरह-तरह की भूमिकाएं निभा चुके हैं और उन्हें अभिनय में किसी की नकल करना पसंद नहीं है, लेकिन उनकी इच्छा हिंदी फिल्म के सुप्रसिद्ध खलनायक मोगैंबो जैसी यादगार भूमिका निभाने की है। ऐसा नहीं है कि अनुपम ने पहले कभी खलनायक का किरदार नहीं निभाया है। उन्होंने फिल्म ‘कर्मा’ में डॉ. डैंग का नकारात्मक किरदार निभाया था।
अनुपम से यह पूछे जाने पर बॉलीवुड में अब तक का कौन-सा यादगार किरदार निभाने की इच्छा वह रखते हैं, उन्होंने कहा, “मैं पर्दे पर किसी और कलाकार द्वारा निभाए गए किरदार की नकल या दोहराव का पक्षधर नहीं हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि मैंने जो भूमिकाएं की हैं वे उस समय की स्थिति और मेरे करियर के हिसाब से सही रही हैं।”
अनुपम ने आगे कहा, “लेकिन यदि मुझे मौका मिले और फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ फिर से बनाई जाए, तो मैं मोगैंबो की भूमिका करना चाहूंगा।” निर्देशक शेखर कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ न सिर्फ अपने समय की सुपरहिट रही थी, बल्कि फिल्म के संवाद भी काफी मशहूर हुए थे। फिल्म के खलनायक के रूप में दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी का डॉयलॉग ‘मोगैंबो खुश हुआ’ आज भी लोगों की जुबां से सुना जा सकता है।
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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भिडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना
मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भिडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भिडू’ शब्द के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्थानों के खिलाफ केस किया है।
यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।
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