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जापान में दुनिया का पहला वॉशेबल स्मार्टफोन लांच
बीजिंग। स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। आप अब कपड़ों की तरह अपने स्मार्टफोन को भी खराब होने के डर के बिना मजे से धुल सकते हैं।
जापान की एक तकनीकी कंपनी ने ऐसा ही एक खास स्मार्टफोन ‘डिग्नो रैफरे’ लांच किया है। संभवत: मोबाइल फोन के बैक्टीरिया और कीटाणुओं की चपेट में आसानी से आने के चलते ही कंपनी का दुनिया का पहला वॉशेबल (धुले जाने वाला) फोन उतारने पर ध्यान गया।
यह स्मार्टफोन पूरी तरह से वाटरप्रूफ और साबुन प्रतिरोधी है, इसलिए इसे मजे से नल के पानी में धुला जा सकता है। इसमें पानी घुसने या खराब होने का जरा भी खतरा नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से सील है, जिसके चलते पानी या झाग इसके अंदर नहीं घुस सकता।
वॉशेबल के अलावा यह बच्चों के लिहाज से भी एकदम सुरक्षित है। फोन को धुलने के इच्छुक लोगों को कंपनी की सलाह है कि वे पहले इसे साबुन से हल्के-हल्के मलें और उसके बाद इसे सादे पानी से धोएं।
स्मार्टफोन डिग्नो रैफरे की कीमत करीब 470 अमेरिकी डॉलर है। कंपनी की फिलहाल इसे विदेशी बाजार में उतारने की कोई योजना नहीं है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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