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सलमान ‘हिट एंड रन’ मामले में सभी आरोपों से बरी
मुंबई। बम्बई उच्च न्यायालय ने सुपरस्टार सलमान खान को गुरुवार को बड़ी राहत देते हुए 28 सितंबर 2002 के ‘हिट एंड रन’ मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया। न्यायमूर्ति ए.आर. जोशी ने बहु-प्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि अभिनेता को 13 साल पुराने इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर ‘दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’
उन्होंने एक तरह से अभियोजन पक्ष के मामले को खारिज करते हुए कहा कि ‘अभियोजन पक्ष सलमान के खिलाफ हर मोर्चो पर आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा है। अभियोजन पक्ष यह साबित करने में भी विफल रहा है कि सलमान ही नशे में वह गाड़ी चला रहे थे, जिसने फुटपाथ पर सो रहे एक आदमी को मौत की नींद सुला दिया था और अन्य चार को घायल कर दिया था।’
न्यायमूर्ति जोशी ने यह फैसला सलमान की उस याचिका पर सुनाया है, जिसमें उन्होंने छह मई को सत्र अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराने और पांच साल की सजा सुनाने को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
सलमान गहरे रंग की धारीदार कमीज और जींस पहनकर अदालत पहुंचे थे। न्यायालय द्वारा स्वयं को बरी किए जाने का फैसला सुनाए जाने के बाद सलमान भावुक हो गए। न्यायालय में जिस वक्त सलमान को बरी किए जाने का फैसला सुनाया, उस वक्त वहां उनके पिता सलीम खान, बहनें, भाई, दोस्त एवं प्रशंसक सहित अधिकांश परिजन मौजूद थे।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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