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निर्माण कार्यों पर आईजी जेल की जांच से मचा हड़कंप

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कमीशन विवाद, जेलों के निर्माण कार्य, हटाये गये नजारत प्रभारी, महानिरीक्षक कारागार, कारागार मुख्यालय,

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पहले नजारत प्रभारी के बाद अब अधिशासी अभियंता को हटाने की तैयारी
आईजी जेल की कार्य प्रणाली से अफसरों मे मची खलबली
राकेश यादव

लखनऊ। नजारत के बाद अब आईजी जेल की निगाह जेलों के निर्माण कार्य पर पड़ गयी है। कमीशन में तालमेल न होने के कारण विभाग के मुखिया ने पहले कारागार मुख्यालय में तैनात शोध अधिकारी एवं प्रभारी अत्याधुनीकिकरण (नजारत) को हटाया और अब प्रदेश की जेलों हो रहे निर्माण कार्यों में अपने चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए निर्माण सेल के अधिशासी अभियंता को हटाये जाने की कवायद चल रही है। करीब 15 साल से निर्माण का कार्य देख रहे अधिशासी अभियंता को विभाग के मुखिया आईजी जेल ने लापरवाह बताते हुए इन्हें शासन से निलम्बित करने की संस्तुति है। आईजी जेल के इस गोपनीय पत्र से विभागीय अधिकारियों  में हड़कंप मचा हुआ है। इसको देखकर तमाम तरह की अटकलें लगायी जा रही है।

प्रदेश की जेलो मे अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिये मोबाइल जैमर, सीसीटीवी, मैटर डिटेक्टर, वाकी-टाकी, सरीखे अत्याधुनिक उपकरण खरीदने की जिम्मेदारी नजारत अनुभाग की होती है। पिछले करीब 20 साल से यह काम विभाग के एक शोध अधिकारी को सौपा गया है। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनो सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देकर जेलो मे सीसीटीवी लगाये जाने की बात कही। इस निर्देश के बाद हरकत मे आये प्रदेश के कारागार विभाग ने इसकी कागजी खानापूर्ति प्रारम्भ की।

नजारत विभाग के प्रभारी षोध अधिकारी ने इस कवायद मे पूर्व मे जेलो मे लगाने के लिये सीसीटीवी की आपूर्ति करने वाली कम्पनी से सम्पर्क साधा। महगाई का ग्राफ बढने से कम्पनी के प्रतिनिधियों ने रेटों के दामों मे इजाफा होने की बात कही। इस प्रक्रिया की वजह से कमीशन कम होने की बात सामने आयी। प्रभारी शोध अधिकारी ने जब इस बात की जानकारी विभाग के मुखिया आईजी जेल को दी तो वह भड़क गये। इस घटना के चंद दिनों बाद ही आईजी जेल ने आनन फानन मे नजारत अनुभाग के प्रभारी एवं शोध अधिकारी के.बी जोशी को पद से हटाये जाने का फरमान जारी कर दिया। आईजी जेल के एकाएक लिये गये इस निर्णय से कारागार मुख्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों मे अफरा-तफरी मच गयी। सूत्रों बताते है कि अभी इस मामले का पटाक्षेप हो न पाया था कि आईजी जेल ने जेलों में हो रहे निर्माण कार्यों में अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यालय निर्माण इकाई के प्रभारी अधिषासी अभियंता हीरा प्रसाद पर दबाव बनाना षुरू कर दिया। अधिषासी अभियंता के दबाव नहीं मानने पर आईजी जेल ने षासन को पत्र भेजकर इन्हें निलम्बित करने की संस्तुति की है। आईजी जेल ने हटाये गये नजारत अनुभाग के शोध अधिकारी की जिम्मेदारी गोरखपुर परिक्षेत्र के डीआईजी जेल एवं डीआईजी मुख्यालय का प्रभार देख रहे डीआईजी आर.पी. सिंह को सौंप दी। जानकारों का कहना है कि दो स्थानों पर डीआईजी का प्रभार देख रहे एक अधिकारी को नजारत अनुभाग के साथ निर्माण कार्य का जिम्मा भी सौंपने की तैयारी है।  आईजी जेल की कार्य प्रणाली पर सवाल खडे कर दिये है। उधर इस बाबत जब महानिरक्षक कारागार देवेन्द्र सिंह चैहान से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नही उठाया।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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