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प्रादेशिक

बोलने वाली मैना रहेगी 50 लाख के पिंजरे में

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जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संवर्धन के प्रयासों में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कांघाराउ में करीब 50 लाख रुपये की लागत से वन विभाग विशाल पिंजरा बनाने की तैयारी में है। इस कार्य के लिए पार्क के अधिकारियों को प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। बस्तर में पाई जाने वाली पहाड़ी मैना का जूलॉजिकल नाम ‘गैकुला रिलीजिओसा पेनिनसुलारिस’ है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में पाई जाने वाली मैना से अलग है। यह कांगेर घाटी, गंगालूर, बारसूर तथा बैलाडीला की पहाड़ियों के अलावा छत्तीसगढ़ और ओड़िशा की सीमा पर स्थित गुप्तेश्वर क्षेत्र में पाई जाती है। इसलिए इसे राज्य पक्षी घोषित किया गया है।

हाल के वर्षो में पहाड़ी मैना के अवैध शिकार के कारण इनकी संख्या में तेजी से कमी आई है। कुछ दिनों पहले वन ग्राम कोटमसर के कोटवारपारा में 30 मैनाओं का झुंड देखा गया था, इसलिए अधिकारियों का ध्यान तेजी से इस ओर गया है।

लुप्त हो रही पहाड़ी मैना की प्रजाति को संवर्धित करने का प्रयास 1992 से किया जा रहा है। पहले 90 हजार रुपये खर्च कर वन विद्यालय में पिंजरा बनाया गया था।

मैना विशेषज्ञों की सलाह पर वर्ष 2005 में 17 लाख रुपये खर्च कर बड़ा पिंजरा बनाया गया और जंगल से लाई गई चार मैना को यहां रखा गया। प्रतिदिन इन्हें फल के अलावा सत्तू और इलेक्ट्राल पाउडर पिलाया जाता था, लेकिन एक भी मैना ने अंडा नहीं दिया, वहीं बीमारी और सर्प के हमले से चारों मैना मर गई, फिलहाल एक मैना को लेकर पिंजरे में रखा गया है।

मुख्य वनसंरक्षक (वन्यप्राणी) व्ही. रामाराव ने बताया कि 22 वर्षो से वन विद्यालय के पिंजरे में मैना संवर्धन के प्रयास विफल रहे हैं। पिछले दिनों थाईलैंड से बस्तर आए मैना विशेषज्ञों ने अपना अभिमत रखा था कि जीवों के प्रजनन के लिए एकांत और कोलाहल विहीन स्थल की दरकार होती है। यह बात मैना के लिए भी लागू होती है। किरंदुल वालटेयर रेलवे लाइन और एनएच 30 के बीच वन विद्यालय में तैयार पिंजरा मैना संवर्धन के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि यहां दोनों और से शोर-शराबा होता है।

राव ने बताया कि वन विद्यालय बदले कांघाराउ क्षेत्र के कोटमसर, कांगेरधारा, दंडकगुफा या नागलसर के पास स्थल चयन कर मैना के लिए विशाल पिंजरा तैयार किया जाएगा। इसके लिए पार्क के अधिकारियों को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया है। इस कार्य में लगभग 50 लाख रुपये खर्च होंगे।

उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां ऋषिकेश एम्स में भर्ती, जिरियाट्रिक वार्ड में चल रहा इलाज

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ऋषिकेश। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है। एम्‍स प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि मंगलवार दोपहर 12 बजे सावित्री देवी को भर्ती कराया गया है। उम्र ज्‍यादा होने की वजह से उनके स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक सीएम योगी की मां को जिरियाट्रिक वार्ड में चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है। वहीं एम्स प्रशासन की मानें तो बुजुर्ग अवस्था में होने वाली परेशानियों की वजह से सावित्री देवी को भर्ती किया गया है। इसे रूटीन चेकअप के रूप में देखना चाहिए। एम्स के पीआरओर संदीप कुमार ने सीएम योगी के मां के भर्ती होने की पुष्टि भी की है।

दरअसल एम्स में स्थित जिरायाट्रिक वार्ड ऐसा वार्ड है जहां पर सीनियर सिटिजन्स को भर्ती किया जाता है। यानी जिनकी उम्र 60 से अधिक होती है उन्हें इस वार्ड में एडमिट किया जाता है। इस वार्ड में सभी विभागों के डॉक्टर खुद आकर मरीज की जांचें करते हैं।

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