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बालासोर में जगन्नाथ मंदिर तैयार
बालासोर। ओडिशा के बालासोर शहर में भी अब पुरी जैसा जगन्नाथ मंदिर तैयार हो गया है। तीन एकड़ में बने इस मंदिर के गर्भगृह के ऊपर मुख्य बुर्ज बना हुआ है। इमामी समूह द्वारा निर्मित इस मंदिर के निर्माण में लगभग 17 करोड़ रुपये लागत आई है। बालगोपालपुर स्थित यह मंदिर रविवार से आम लोगों के लिए खोला जा रहा है।
चांदीपुर समुद्रतट और प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम स्थल के रूप में मशहूर बालासोर में बने इस मंदिर की डिजाइन मशहूर वास्तुविद और मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा ने बनाई है। मंदिर में दोनों तरफ आठ पहिये नजर आ रहे हैं, जो इसे महारथ जैसा स्वरूप दे रहे हैं। पद्मविभूषण से सम्मानित महापात्रा ने कहा, “मंदिर का भाव यह है कि भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भगवान जगन्नाथ को रथ पर सवार देख लेता है, उसे मोक्ष मिल जाता है।”
परिसर में पांच मंदिर हैं। भगवान जगन्नाथ का मंदिर 4300 वर्ग फुट में बना हुआ है। भगवान शिव, माता बिमला, देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और संकट मोचन हनुमान का मंदिर 380 वर्ग फुट में बना हुआ है। पुरी के मंदिर की ही तरह यहां भी देवी-देवता जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा मुख्य मंदिर में विराजमान हैं और इन्हें नीम की पवित्र लकड़ी से बनाया गया है।
मंदिर के मुख्य आकर्षणों में से एक इसमें बने पट्टचित्र हैं। ओडिशा में चित्रकारी की इस पारंपरिक विधा में आम तौर से चटख रंगों में अधिकांशत: धार्मिक तस्वीरें बनाई जाती हैं। मंदिर की छतों और अंदरूनी दीवारों को पट्टचित्र से सजाया गया है। इनमें कृष्णलीला, भगवान विष्णु के दशावतार और भगवान जगन्नाथ के विभिन्न रूपों को दिखाया गया है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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