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मोदी-अबे का वाराणसी दौरा 12 दिसंबर को
वाराणसी| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 दिसंबर को वाराणसी का एक दिवसीय दौरा करेंगे। मोदी के साथ इस दौरे पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे भी साथ होंगे। वाराणसी से सांसद मोदी के इस दौरे के दौरान काशी-क्योटो समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री के आगमन की प्रारंभिक सूचना जिला प्रशासन को मिल चुकी है।
जिलाधिकारी राजमणि यादव ने सभी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को प्रधानमंत्री के संभावित दौरा स्थल पर सुरक्षा का खाका तैयार करने का निर्देश दिया है।
पीएमओ कार्यालय से प्रशासन को मिली जानकारी के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने बनारस आने एवं गंगा आरती में शामिल होने की इच्छा जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके साथ होंगे।
मोदी और अबे दोनों दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा आरती में शामिल होंगे। इस अवसर पर जापान के प्रधानमंत्री के सम्मान में मोदी की ओर से होटल ताज में रात के भोजन का आयोजन भी किया जाएगा।
होटल गेटवे में ही दोनों प्रधानमंत्रियों के साथ काशी के प्रबुद्घजनों की मुलाकात की संभावना भी है। इस दौरान काशी-क्योटो समझौते के तहत अटके ज्ञापन पर भी कोई फैसला लिया जा सकता है।
कार्यक्रम की जानकारी मिलने के साथ ही जिला प्रशासन ने तैयारियों पर मंथन शुरू कर दिया है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में जिलाधिकारी ने अतिथियों के विश्राम के संभावित स्थानों के अलावा गंगा आरती तक पहुंचने के रास्ते तथा सुरक्षा व्यवस्था पर भी चर्चा की।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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