Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

बच्चों में सांस संबंधी संक्रमण में तुरंत एंटीबायोटिक देना असरदार

Published

on

Loading

न्यूयॉर्क| बच्चों में सर्दी-जुकाम के प्रारंभिक लक्षणों के सामने आते ही उन्हें एंटीबायोटिक देना लाभकारी होता है, क्योंकि इससे बच्चों की श्वसन नली के निचले हिस्से में होनेवाले गंभीर संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ। जिन बच्चों में सर्दी-जुकाम के बढ़ने पर गले में बेहद घरघराहट और सांल लेने में तकलीफ होती है, उन्हें बचाव के तौर पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दवा दी जा सकती है।

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के पीडियाट्रिक्स विभाग के प्रोफेसर लियोनाडरे बकेरियर के मुकाबिक, “ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे प्रेडनिसोन ऐसी परिस्थितियों को ठीक करने के लिए एक मानक दवा मानी जाती है।”

बकेरियर ने कहा, “कुछ अध्ययनों से साबित हुआ है कि यह उपचार बड़े बच्चों में कारगर नहीं होता है। इसलिए हमें एक ऐसे इलाज की जरूरत है, जो श्वसन नली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण से लड़े, ताकि संक्रमण नीचे तक नहीं फैले।”

अमेरिका के नौ अकादमी चिकित्सा केंद्रों में शोधकर्ताओं ने 607 बच्चों पर प्लेसिबो के बदले एजीथ्रोमाइसिन जैसे एंटीबायोटिक का परीक्षण किया।

बच्चों की उम्र एक साल से लेकर 6 साल तक थी, जिनकी सांस नली के निचले हिस्से में संक्रमण का इतिहास रहा था। हालांकि वे स्वस्थ थे।

इस अध्ययन में प्लेसिबो दवा लेने वाले 57 बच्चों की तुलना एजिथ्रोमाइसिन लेने वाले 35 बच्चों से की गई।

इसके बाद उन्होंने 92 बच्चों की बीमारी को गंभीर पाया, क्योंकि इन्हें ओरल कॉर्टिकोस्टीरॉइड्स की जरूरत थी। प्लेसबो की तुलना में एजिथ्रोमाइसिन दवा ज्यादा असरदार साबित हुई।

इस शोध में वैज्ञानिकों ने कुछ परिवारों के साथ मिलकर उनके बच्चों में सर्दी-जुकाम के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर ही उपचार शुरू कर दिया, जिसके बाद सामने आया कि श्वसन संबंधी बीमारियों के शुरुआती चरण में एजिथ्रोमाइसिन दवा बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित कर सकती है।

यह अध्ययन ऑनलाइन पत्रिका ‘जेएएमए’ में प्रकाशित हुआ है।

 

लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

Published

on

By

benefits of eating radish daily in summer

Loading

नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

Continue Reading

Trending