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आजम ने दिया बेतुका बयान, पेरिस हमले को बताया एक्शन का रिएक्शन
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान के पेरिस अटैक पर विवादित बयान दिया है। आजम ने पेरिस पर हुए आतंकी हमले को एक्शन का रिएक्शन करार दिया है। उन्होंने कहा कि रिएक्शन कहां से हो रहा है ये सुपरपावर देशों को सोचना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसे ही रिएक्शन होते रहे तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
पेरिस में हुए हमले पर उन्होंने कहा है कि ये हमला एक्शन का रिएक्शन है। अमरीका को समझना होगा कि जब उसके बम गिरते हैं, तो गरीबों की बस्ती उजड़ती है। सुपरपॉवर्स को यह बात समझ लेनी चाहिए। यही नहीं आजम खान ने पेरिस को नाच-गाने और शराब का शहर बताया।
आजम ने कहा कि पेरिस में आतंकवादियों ने जो किया वह निहायत गलत है, लेकिन अमेरिका और रूस द्वारा तेल के कुंओं पर कब्जा करने के लिये अरब देशों पर हमले करके बेगुनाहों का कत्लेआम किया जाना भी उतना ही गलत है। उन्होंने कहा कि तेल की भूख की वजह से पश्चिमी देशों ने इराक, लीबिया, सीरिया और अफगानिस्तान को पहले ही बरबाद कर दिया है। पेरिस पर हमले वाकई निंदनीय हैं लेकिन उनकी मीमांसा करने से पहले यह भी देखा जाना चाहिये कि माचिस की पहली तीली किसने जलायी थी। बता दें कि पेरिस में हुए आतंकी हमले में 128 लोगों की मौत हुई है। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने ली है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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