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मप्र सरकार किसानों के लिए 3 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेगी : शिवराज

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को रेडियो के जरिए किसानों से सीधे बात करते हुए भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें सूखा के कारण आए इस संकट से उबारने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार तीन हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराएगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान देश के तीसरे ऐसे नेता बन गए हैं, जिन्होंने रेडियो के जरिए लोगों से सीधे बात की।

राज्य के आकाशवाणी के सभी केंद्रों से प्रसारित ‘मुख्यमंत्री की बात किसानों के साथ’ कार्यक्रम के जरिए चौहान ने किसानों से कहा कि सूखा से फसलों को हुए नुकसान से हारने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ खड़ी है। इस संकट से उन्हें उबारा जाएगा। चौहान ने किसानों को बताया कि अभी 700 करोड़ रुपये किसानों को बांटे जा रहे हैं, जरूरत तीन हजार करोड़ रुपये की है, इसके लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है, जिसके जरिए तीन हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने के प्रस्ताव को पारित किया जाएगा। विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र नवम्बर के प्रथम सप्ताह में होगा।

चौहान ने किसानों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि किसानों से कर्ज की वसूली स्थगित कर दी गई है, कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी, उन्हें एक रुपये के मान से गेहूं और चावल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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