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प्रादेशिक

मप्र : महिलाओं को नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण

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भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज कई बार महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा कर चुके हैं। इसी के मद्देनजर मत्रिमंडल की बैठक में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय की चुनाव आयोग से अनुमति ली जाएगी, क्योंकि राज्य में दो स्थानों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं।

मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार सूखा प्रभावित किसानों को ज्यादा से ज्यादा मदद देना चाहती है, मगर बजटीय प्रावधानों के चलते दिक्कत आ रही है, इसलिए विधानसभा का एक दिवसीय सत्र बुलाने का फैसला लिया गया है। इसकी तारीख जल्दी तय होगी। उन्होंने आगे बताया कि सभी मंत्रियों ने किसानों को अपनी ओर से मदद देने के मकसद से अपने एक माह के वेतन को मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। राज्य के सभी विधायकों से भी एक माह का वेतन देने की अपील की गई है।

इसके साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि जो किसान आयकरदाता हैं, उन्हें सूखा राहत मदद नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही सभी प्रस्तावित नए विकास कार्यो पर सरकार ने रोक लगाने का निर्णय लिया है। राज्य में वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा के पीड़ितों को ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन दिए जाने का भी सरकार ने फैसला लिया है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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