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अलगाववादियों के बंद से कश्मीर घाटी में जनजीवन प्रभावित

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श्रीनगर। अलगाववादियों के मंगलवार को बुलाए गए बंद से पूरी कश्मीर घाटी में आम जनजीवन प्रभावित रहा। 27 अक्बूटर, 1947 में कश्मीर के तत्कालीन डोगरा महाराज हरि सिंह द्वारा कश्मीर के भारत में विलय को स्वीकार करने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सेना के प्रवेश को लेकर विरोध दर्ज कराने के लिए शीर्ष अलगाववादी नेताओं ने मंगलवार को बंद का आह्वान किया।

बंद बुलाने वाले अलगाववादी नेताओं में सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, मुहम्मद यासिन मलिक व आसिया आंद्राबी शामिल हैं।

लंबे समय से कश्मीर की आजादी की मांग कर रहे अलगाववादियों ने कश्मीर के भारत में विलय वाले दिन यानी 27 अक्टूबर को ‘काला दिन’ के रूप में मनाने का आह्वान किया।

बंद के चलते दुकानें, सार्वजनिक परिवहन, कारोबारी गतिविधियां और शैक्षिक संस्थान सहित सभी जिला मुख्यालय बंद हैं।सार्वजनिक परिवहन न होने के कारण सरकारी कार्यालयों, बैंकों एवं डाकघरों में उपस्थिति नगण्य रही।श्रीनगर के कुछ शहरी इलाकों में हालांकि निजी वाहन और ऑटो रिक्शा चल रहे हैं।

गिलानी और मीरवाइज सहित कई अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद रखा गया है, लेकिन आम लोगों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है।घाटी के विभिन्न हिस्सों में दंगों से निपटने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को तैनात कर दिया गया है।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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